रायपुर। चुनाव परिणाम आने से पहले कांग्रेस खरीद फरोख्त जैसे खतरे का ठोस उपाय ढूंढ लेना चाह रही है। माना जा रहा है कांग्रेस कर्नाटक वाले नुस्खे को छत्तीसगढ़ में भी आजमाने पर विचार कर रही है। कर्नाटक में खरीद फरोख्त से निपटने के लिए कांग्रेस ने अपने नवनिर्वाचित विधायकों को रिसॉर्ट में ले जाकर रखा था।
हालांकि कांग्रेस के बड़े नेता मानकर चल रहे हैं कि उनकी 50-51 सीट आना तय है और दिल्ली में पिछले दिनों कांग्रेस आलाकमान राहुल गांधी के समक्ष भी इन्होंने कुछ इसी तरह की बात रखी थी, लेकिन भाजपा एवं छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की ओर से सरकार बनाने के जो अपने-अपने दावे हो रहे हैं उससे कांग्रेस काफी सतर्क हो गई है। यहां यह भी बताना उचित होगा कि हाल ही में प्रदेश के बड़े कांग्रेस नेता दिल्ली में बुलाई गई बैठक में शामिल होने गए, राहल गांधी ने उनको आगाह किया कि जब तक मतगणना पूरी नहीं होती बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। खरीद फरोख्त जैसे खतरे को लेकर कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी एम.एल.पुनिया की चिंता बढ़ी हुई है। विचार यही हो रहा है कि चुनाव परिणाम आते ही बिना देर किए सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ से बाहर ले जाया जाए। बाहर ले जाने के लिए आंध्रप्रदेश, तेलांगाना एवं ओड़िशा जैसे राज्यों पर विचार हो रहा है। तीनों पड़ोसी राज्य इसलिए कि ये हर दृष्टि से सुरक्षित माने जा रहे हैं। जरूरत पड़ने पर यहां से कुछ घंटों के अंतराल में सभी विधायकों को राजधानी रायपुर लाया जा सकता है। विशेषकर विशाखाट्टनम (आंध्रप्रदेश) एवं जगन्नाथपुरी (ओड़िशा) जैसे स्थानों पर विचार हो रहा है।