Chaitanya Baghel ED Raid: भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य आज ईडी दफ्तर में होंगे पेश, शराब घोटाले में होगी पूछताछ
Chaitanya Baghel ED Raid: छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे...

15, March, 2025 | रायपुर | Chaitanya Baghel ED Raid: छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को आज ईडी के सामने पेश होना है। सोमवार को ईडी ने रायपुर समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 33 लाख रुपये नकद और महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले थे। इनमें मंतूराम केस से जुड़ी पेन ड्राइव भी शामिल है। इन्हीं दस्तावेजों को लेकर चैतन्य बघेल से पूछताछ की जाएगी।
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला?
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले का मामला 2022 में उस समय सामने आया, जब आयकर विभाग ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में आरोप लगाया गया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के दौरान शराब बिक्री में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ।
इस मामले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा, सीएम सचिवालय की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया और रायपुर के पूर्व महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के खिलाफ आरोप लगाए गए। आरोपों के अनुसार, अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के ज़रिए आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर अवैध वसूली की गई।
कैसे हुआ 2161 करोड़ रुपये का घोटाला?
ईडी की चार्जशीट के अनुसार, 2017 में छत्तीसगढ़ की आबकारी नीति में बदलाव किया गया था, जिसके तहत CSMCL (छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड) के जरिए शराब बेचने का प्रावधान किया गया। लेकिन 2019 के बाद अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का एमडी बनवाया और फिर अधिकारियों, कारोबारियों और राजनीतिक रसूखदार लोगों के सिंडिकेट के जरिए भ्रष्टाचार का खेल शुरू हुआ।
ईडी की जांच में सामने आया कि इस घोटाले में कुल 2161 करोड़ रुपये का हेरफेर हुआ। इस घोटाले में कई बड़े नेताओं और अधिकारियों की संलिप्तता उजागर हुई है। ईडी ने इस मामले में 15 जनवरी को पूर्व मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था।
ईडी की कार्रवाई और आगे की रणनीति
ईडी ने 10 मार्च को छत्तीसगढ़ में 12 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें भूपेश बघेल के निवास पर भी रेड डाली गई। इस दौरान 33 लाख रुपये नकद, मंतूराम केस से जुड़ी पेन ड्राइव और कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए।
अब ईडी चैतन्य बघेल से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि क्या वे इस घोटाले से जुड़े किसी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन का हिस्सा रहे हैं या फिर वे केवल इस मामले में संदिग्ध दस्तावेजों से जुड़े गवाह हैं।
छत्तीसगढ़ में इस घोटाले को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं, और आने वाले दिनों में ईडी की जांच से और बड़े नामों का खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है।