छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर नक्सलियों की बड़ी वारदात, 5,000 किलो विस्फोटक लूटा, राज्यभर में हाई अलर्ट जारी
छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर एक बड़ी सुरक्षा चूक सामने आई है, जहां नक्सलियों ने 5,000 किलो विस्फोटक से भरी एक वैन को लूट लिया है। इस घटना के बाद...

29, May, 2025 | छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर एक बड़ी सुरक्षा चूक सामने आई है, जहां नक्सलियों ने 5,000 किलो विस्फोटक से भरी एक वैन को लूट लिया है। इस घटना के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है, क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि इतने बड़े पैमाने पर लूटे गए विस्फोटक का इस्तेमाल बड़े हमलों में किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि 5,000 किलो विस्फोटक 25 किलो के 200 बॉक्स में रखा गया था। यह मात्रा इतनी है कि इससे लगभग 200 एसयूवी या 100 बख्तरबंद वाहनों को उड़ा दिया जा सकता है।
कैसे हुआ हमला?
यह घटना मंगलवार शाम ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के लंगलकाटा क्षेत्र में स्थित एक स्टोन क्वारी में हुई। करीब 20 से 30 हथियारबंद नक्सली वहां पहुंचे और उस वैन को निशाना बनाया, जिसमें विस्फोटक लदे थे। ये विस्फोटक झारखंड बॉर्डर के पास स्थित बैंग स्टोन माइंस ले जाए जा रहे थे। हमलावरों ने ड्राइवर और मजदूरों को बंदूक की नोंक पर धमकाया, उनसे बॉक्स दोबारा वैन में लोड करवाया और फिर वैन को ड्राइवर सहित जंगल की ओर ले गए।
जंगल में पहले से मौजूद 20–30 नक्सलियों के साथ मिलकर वैन को गहरे जंगल में ले जाया गया, जहां सभी विस्फोटक उतार लिए गए। इसके बाद ड्राइवर और वैन को वहीं छोड़ दिया गया।
खतरे की बड़ी आशंका
विशेषज्ञों के मुताबिक, इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक से कई बड़े IED धमाके किए जा सकते हैं। इससे पहले भी नक्सलियों ने ऐसे हमलों में सुरक्षा बलों को भारी नुकसान पहुंचाया है।
अप्रैल 2023 में दंतेवाड़ा में DRG की गाड़ी को 50 किलो IED से उड़ा दिया गया था, जिसमें 9 जवान और ड्राइवर शहीद हो गए थे।
जनवरी 2025 में बीजापुर में 50–60 किलो IED ब्लास्ट में 8 जवान और एक ड्राइवर की जान गई थी।
2013 में सुकमा-दंतेवाड़ा मार्ग पर एक बस को उड़ाकर आम नागरिकों और सुरक्षा बलों को निशाना बनाया गया था।
कहां से आया विस्फोटक?
यह विस्फोटक एक लाइसेंसधारी स्टोरेज यूनिट से लोड किया गया था, जो कारोबारी तरुण कुमार अग्रवाल की है। उनके अनुसार, वैन रात 8:30 बजे लंगलकाटा पहुंची थी, तभी हमला हुआ। ड्राइवर देवनाथ टोप्पो ने बाद में बताया कि हमलावर खुद को “जंगल के लोग” या “नक्सली” बता रहे थे, वे हरे रंग की वर्दी में थे और सामान्य हिंदी में बात कर रहे थे। हालांकि, टोप्पो को कोई चोट नहीं आई और वह किसी तरह वापस लौटकर अधिकारियों को सूचना देने में सफल रहा।
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
बालगांव पुलिस ने अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। घटना की जानकारी मिलते ही सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया, लेकिन 24 घंटे बाद भी कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है। घने जंगल और पहाड़ी इलाका सुरक्षा बलों की राह में बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। CRPF और राज्य पुलिस की टीमें हाई अलर्ट पर हैं।
ओडिशा पुलिस और सुंदरगढ़ के आला अधिकारी भी घटनास्थल और बॉर्डर एरिया की निगरानी बढ़ा चुके हैं। DGP, DIG और IG स्तर के अधिकारी लगातार मीटिंग कर रहे हैं और छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर संयुक्त ऑपरेशन की योजना तैयार की जा रही है।
संभावित हमलों की आशंका
सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि नक्सली इस विस्फोटक का इस्तेमाल सुरक्षा बलों या आम नागरिकों को निशाना बनाने के लिए कर सकते हैं। पूरे क्षेत्र में सर्विलांस और तलाशी अभियान तेज कर दिए गए हैं। अधिकारियों का मानना है कि कोने में फंसे और बौखलाए नक्सली कोई बड़ा हमला कर सकते हैं।
एक बड़ी चुनौती
यह घटना बीते वर्षों की सबसे बड़ी विस्फोटक लूट की घटनाओं में से एक है। इससे यह साफ हो गया है कि भारत के रेड कॉरिडोर में नक्सली अब भी बड़ी वारदात को अंजाम देने की क्षमता रखते हैं। साथ ही, यह घटना खतरनाक पदार्थों की ढुलाई और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल भी खड़े करती है।



