छत्तीसगढ़ में टमाटर ने तोड़े सारे रिकॉर्ड: 10 दिन में दाम 4 गुना, बारिश से बिगड़ा सब्जी बाजार

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बेमौसम बारिश और प्री-मानसून की दस्तक ने प्रदेश के सब्जी बाजार को हिला कर रख दिया है। राजधानी रायपुर सहित कई जिलों की मंडियों में टमाटर की कीमतों में अचानक भारी उछाल देखा जा रहा है। महज 10 दिनों में टमाटर के थोक दाम 100 रुपये प्रति कैरेट से बढ़कर 400 रुपये प्रति कैरेट तक पहुंच गए हैं। खुदरा बाजार में यह कीमत 60 से 80 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंची है।
लोकल फसलें बर्बाद, बेंगलुरु से मंगाया जा रहा टमाटर
बारिश की वजह से रायपुर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की लोकल टमाटर फसलें बर्बाद हो गई हैं। अब टमाटर की आपूर्ति बैंगलोर जैसे दूर-दराज के इलाकों से की जा रही है। इससे परिवहन लागत भी बढ़ गई है, जिसका सीधा असर आम उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ रहा है।
सिर्फ टमाटर नहीं, बाकी सब्जियां भी महंगी
मंडी व्यापारियों के अनुसार, टमाटर के साथ-साथ भिंडी, बैंगन, लौकी, परवल और टिंडा जैसी सामान्य सब्जियों के दाम भी तेजी से बढ़े हैं। थोक बाजार में ये सब्जियां अब 30 से 60 रुपये प्रति किलो, जबकि खुदरा बाजार में 40 से 80 रुपये प्रति किलो तक बिक रही हैं। लोकल आपूर्ति बाधित होने से व्यापारी अब सब्जियां कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश से मंगाने को मजबूर हैं।
बारिश बनी महंगाई की वजह
सब्जी व्यापारियों का कहना है कि यदि बारिश का सिलसिला यूं ही जारी रहा, तो मानसून सीजन में सब्जियों की आपूर्ति और प्रभावित हो सकती है। इससे आने वाले दिनों में दाम और भी तेजी से बढ़ सकते हैं। उपभोक्ताओं को अब सब्जियों के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी।
नतीजा – सब्जी बनी ‘महंगी सौगात’
बेमौसम बारिश ने जहां किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है, वहीं आम जनता को भी महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। विशेषज्ञों के अनुसार अगर मौसम का मिजाज जल्द नहीं बदला, तो जुलाई तक राहत की उम्मीद कम ही नजर आ रही है।



