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CG MANDAL SANYOJAK GUIDELINE : मंडल संयोजक का चार्ज अब सिर्फ विभागीय अफसर को!

 

रायपुर, 9 जुलाई 2025। छत्तीसगढ़ शासन के आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग ने मंडल संयोजक पद को लेकर बड़ा फैसला लिया है। विभाग के प्रिंसिपल सिकरेट्री सोनमणि बोरा ने रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा, जगदलपुर समेत प्रदेशभर के कलेक्टरों को पत्र जारी कर अन्य विभागों के कर्मचारियों को मंडल संयोजक का प्रभार न सौंपने का सख्त निर्देश दिया है।

न्यायालयीन विवाद की चेतावनी

सोनमणि बोरा ने पत्र में स्पष्ट किया है कि निर्देश के बावजूद यदि अन्य विभाग के कर्मचारियों को प्रभार सौंपा गया और भविष्य में कोई न्यायालयीन विवाद या प्रशासनिक बाधा उत्पन्न होती है, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

क्यों लिया गया यह निर्णय?

प्रिंसिपल सिकरेट्री के अनुसार, मंडल संयोजक का पद आदिवासी विकास विभाग के अंतर्गत छात्रावासों, आश्रमों के संचालन व निरीक्षण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए स्वीकृत है। वर्तमान में यह पाया गया कि कुछ संभागों और जिलों में आयुक्त व कलेक्टर अन्य विभागों से कर्मचारियों को इस पद का प्रभार सौंप रहे हैं, जो प्रशासनिक दृष्टिकोण से अनुचित है। इससे विभागीय योजनाओं की जानकारी के अभाव में कामकाज प्रभावित हो रहा है और विभाग को आपत्तियों व शिकायतों का सामना करना पड़ रहा है।

किसे दिया जाएगा प्रभार?

पत्र में निर्देश दिया गया है कि यदि मंडल संयोजक का पद रिक्त हो तो उसी विकासखंड में पदस्थ वरिष्ठ छात्रावास अधीक्षक या विभागीय लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों को ही प्रभार दिया जाए।
यदि अपरिहार्य स्थिति में अन्य विभाग से कर्मचारी का चयन करना जरूरी हो, तो उसका प्रस्ताव शासन को भेजा जाए और अनुमोदन प्राप्त होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाए।

आदेश का पालन अनिवार्य

प्रिंसिपल सिकरेट्री ने कहा कि यह आदेश शासन हित और प्रशासनिक स्थिरता के लिए आवश्यक है। यदि इसका पालन नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उत्तरदायित्व तय कर सख्त कार्यवाही की जाएगी।

 

 

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