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CHHATTISGARH | बंधक मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन, मशरूम फैक्ट्री से 97 श्रमिकों को छुड़ाया गया, संचालकों पर FIR

 

रायपुर, 12 जुलाई। छत्तीसगढ़ की राजधानी से लगे खरोरा के सिलतराई गांव में स्थित मशरूम फैक्ट्री में मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन सामने आया है। उत्तर प्रदेश से आए 97 मजदूरों को बंधुआ मजदूरी कराई जा रही थी। जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए फैक्ट्री संचालकों विपिन तिवारी, विकास तिवारी और नितेश तिवारी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

मजदूरी नहीं, उल्टा मारपीट

सूत्रों के अनुसार, इन मजदूरों को घरेलू कामकाज के बहाने उत्तर प्रदेश के जौनपुर से रायपुर लाया गया था, लेकिन उन्हें खरोरा के पास मशरूम फैक्ट्री में जबरन काम में झोंक दिया गया। न केवल वेतन रोका गया बल्कि मारपीट भी की गई। किसी तरह कुछ मजदूर भागकर भाटागांव बस स्टैंड पहुंचे, जहां तूफान पांडे और मिश्रा नामक दो व्यक्तियों ने उनकी मदद कर पुलिस को सूचना दी।

प्रशासन ने किया रेस्क्यू ऑपरेशन

मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग तथा श्रम विभाग की टीम ने फैक्ट्री में छापा मारा और बाकी मजदूरों को भी सुरक्षित बाहर निकाला। सभी को रायपुर लाकर इंडोर स्टेडियम में रखा गया, जहां उनके खाने-पीने की व्यवस्था की गई।

रात में दी मजदूरी, फिर रवाना हुए मजदूर

प्रशासन की मौजूदगी में फैक्ट्री संचालकों ने मजदूरों की बकाया मजदूरी का भुगतान किया। इसके बाद गुरुवार की रात उन्हें गोंदिया-बरौनी ट्रेन से जौनपुर भेज दिया गया। मामले की जानकारी जौनपुर जिला प्रशासन को दे दी गई है।

बचपन बचाओ आंदोलन का सहयोग

‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के विपिन ठाकुर ने बताया कि सभी मजदूर घर लौटना चाहते थे, इसलिए उन्हें सुरक्षित रवाना किया गया। वहीं, निगोहे गांव के मजदूरों की ओर से जौनपुर में भी फैक्ट्री संचालकों के खिलाफ शिकायत दी गई है।

 

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