CG JOB SCAM | एक ही जिले में 27 बहरे कर्मचारी? फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र से सरकारी नौकरी का बड़ा खेल उजागर

मुंगेली, छत्तीसगढ़, 13 जुलाई 2025. छत्तीसगढ़ का मुंगेली जिला इन दिनों एक बड़े फर्जीवाड़े के खुलासे से सुर्खियों में है। फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट के सहारे सैकड़ों लोग सरकारी नौकरी कर रहे हैं, और इनमें से सबसे अधिक “बहरे” श्रेणी में हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि इन संदेही दिव्यांगों में राजपूत सरनेम वाले कर्मचारी सबसे अधिक पाए गए हैं।
कलेक्टर की पहल पर जांच शुरू –
दिव्यांग सेवा संघ के बार-बार मांग उठाने के बाद अब कलेक्टर मुंगेली ने संदेही 27 कर्मचारियों की सूची विभिन्न विभागों को भेजकर लेटेस्ट स्टेटस मांगा है। कलेक्टर ने साफ किया कि कुछ कर्मचारी तो मेडिकल जांच में उपस्थित भी नहीं हुए और कुछ ने जांच के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी है।
कैसे पकड़ा गया फर्जीवाड़ा?
जानकारी के मुताबिक, एक गिरोह सिम्स बिलासपुर और रायपुर के मेडिकल बोर्ड से फर्जी “श्रवण बाधित” प्रमाण पत्र बनवाकर लोगों को नौकरी दिला रहा था। इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब कुछ कर्मचारियों की असली मेडिकल जांच हुई और वे पूरी तरह स्वस्थ पाए गए।
चौंकाने वाले आंकड़े –
27 में से सभी बहरे बताए गए हैं।
9 कर्मचारी राजपूत जाति से हैं।
11 शिक्षा विभाग में कार्यरत, जिनमें 10 लेक्चरर।
10 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी।
गिरोह की जड़ में सस्पेंड अफसर गुलाब सिंह?
पूर्व में निलंबित अफसर गुलाब सिंह राजपूत पर यह आरोप है कि उसने अपने रिश्तेदारों और परिचितों के लिए फर्जी सर्टिफिकेट बनवाए। इस वजह से बड़ी संख्या में एक ही जाति के नाम सामने आ रहे हैं।
क्या बोले कलेक्टर?
कलेक्टर ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि संबंधित विभागों को तत्काल अद्यतन रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सके।
यह मामला सिर्फ फर्जी दस्तावेजों का नहीं, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था की साख से जुड़ा है। यदि दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो यह प्रथा अन्य जिलों में भी फैल सकती है।



