NIMISHA PRIYA EXECUTION STAY | जानिए कौन हैं कंथापुरम मुसलियार, जिन्होंने निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने में निभाई अहम भूमिका

नई दिल्ली। यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सज़ा को टाल दिया गया है। यह राहत ऐसे समय में आई है जब केरल के प्रभावशाली मुस्लिम धर्मगुरु कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार ने हस्तक्षेप किया। निमिषा प्रिया पर यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोष साबित हुआ था, और उन्हें बचाने के लिए मृतक के परिवार की माफी ज़रूरी है।
कैसे हुई प्रगति?
‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ के अनुसार, 14 जुलाई को ग्रैंड मुफ़्ती मुसलियार ने यमन के प्रभावशाली शेख़ों से बातचीत की। बताया गया है कि एक अहम बैठक बुलाई गई है, जिसमें पीड़ित परिवार और धार्मिक नेता शामिल होंगे। मुसलियार ने यमन के प्रमुख सूफ़ी नेता शेख़ हबीब उमर बिन हाफ़िज़ से संपर्क साधा, जिन्होंने इस मामले में बातचीत आगे बढ़ाई।
मुसलियार कौन हैं?
कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार को भारत का अनौपचारिक ‘ग्रैंड मुफ़्ती’ माना जाता है। वे सुन्नी सूफ़ीवाद और शिक्षा में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं। हालांकि, महिलाओं को लेकर उनके कई विवादित बयान भी रहे हैं। इसके बावजूद, उनके व्यापक संपर्कों ने निमिषा प्रिया के मामले में बड़ी भूमिका निभाई।
मामले की वर्तमान स्थिति
16 जुलाई को निमिषा प्रिया की फांसी होनी थी, लेकिन हस्तक्षेप के बाद यह टल गई है। अब ब्लड मनी देकर माफी की प्रक्रिया पर बातचीत जारी है। मुसलियार का कहना है कि उनका यह प्रयास पूरी तरह मानवीय आधार पर है।



