CG BHARTI GHOTALA | 7 दिन, 35 हजार परीक्षार्थी, भर्ती पूरी! छत्तीसगढ़ में समग्र शिक्षा घोटाले के आरोप

रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित समग्र शिक्षा विभाग में 1400 से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया को लेकर भारी अनियमितताओं और घोटाले के आरोप लगे हैं। इस भर्ती प्रक्रिया की ज़िम्मेदारी सात ठेका कंपनियों को दी गई थी, जिन्होंने केवल 7 दिनों के भीतर आवेदन, परीक्षा, मूल्यांकन और इंटरव्यू की प्रक्रिया पूरी कर डाली – वो भी 35 हजार परीक्षार्थियों के साथ!
कुछ घंटों में 35,000 उत्तरपुस्तिकाएं जांचीं?
16 जुलाई को आवेदन लिंक खोला गया और 17 जुलाई को शाम 5 बजे बंद कर दिया गया। अगले ही दिन यानी 18 जुलाई को परीक्षा आयोजित की गई। दोपहर 2 बजे परीक्षा समाप्त हुई और उसी दिन कंपनी ने आंसरशीट जांचकर इंटरव्यू भी ले लिया।
सिर्फ 2 दिन बाद, 20 जुलाई को परिणाम भी जारी कर दिया गया।
यह संदेह गहरा करता है कि क्या वाकई 35,000 कॉपियों को मैन्युअल या सॉफ्टवेयर से जांचना और उसी दिन इंटरव्यू कर पाना संभव है? क्या इंटरव्यू प्रक्रिया सिर्फ औपचारिकता थी?
इंटरव्यू में बुलाए गए उम्मीदवार कैसे पहुंचे?
इंटरव्यू के लिए उम्मीदवारों को चंद घंटों के नोटिस पर बुलाया गया। कई अभ्यर्थी तो परीक्षा देकर अपने शहर या गांव लौट गए होंगे, फिर वे कुछ घंटों में इंटरव्यू देने कैसे पहुंच गए?
क्या उम्मीदवार पहले से किसी जगह एकत्रित थे या फिर कागज़ों में ही प्रक्रिया निपटा दी गई?
स्टांप पेपर में क्यों लिखवाया कि पैसा नहीं लिया?
एक और चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि अभ्यर्थियों से ₹10 के स्टांप पेपर में यह लिखवाया गया कि उनका चयन निष्पक्ष हुआ है और उनसे कोई लेनदेन नहीं किया गया।
अब सवाल यह है कि अगर सब कुछ पारदर्शी था, तो इस प्रकार के शपथपत्र क्यों लिए गए?
किन पदों पर भर्ती हुई?
भर्ती इन 13 ट्रेड्स में हुई :
ऑटोमोटिव, ब्यूटी एंड वेलनेस, हेल्थ केयर, आईटी-आईटीईएस, प्लंबिंग, पॉवर, रिटेल, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी, टेलीकॉम, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, कृषि, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विस एंड फाइनेंस।
ठेका देने वाली कंपनियां –
इंडस एडुट्रेन प्राइवेट लिमिटेड
लनेंट स्किल प्राइवेट लिमिटेड
स्किल ट्री प्राइवेट लिमिटेड
आईसेक्ट एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड
वेदांता प्राइवेट लिमिटेड
निटकॉन
एक और नाम सामने नहीं आया
NSUI ने खोला मोर्चा, CBI जांच की मांग
एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि इस पूरी प्रक्रिया में एक-एक अभ्यर्थी से 3 से 4 लाख रुपये की वसूली की गई है। उन्होंने CBI जांच की मांग करते हुए कहा कि यह सिर्फ घोटाला नहीं, बल्कि भविष्य से खिलवाड़ है।
जेम पोर्टल से 7 कंपनियों को दिया गया ठेका और उनसे 7 दिन में पूरी प्रक्रिया पूरी कराने का दबाव घोटाले की जड़ को उजागर करता है। यह मामला सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि सुनियोजित घोटाले की ओर इशारा करता है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।



