ANIL AMBANI ED SUMMON | अनिल अंबानी पर बड़ा शिकंजा, ED ने पूछताछ के लिए बुलाया

नई दिल्ली, 2025। देश के नामी उद्योगपति और रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन व एमडी अनिल अंबानी एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रडार पर हैं। ED ने उन्हें ₹17,000 करोड़ के कथित लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए 5 अगस्त को दिल्ली स्थित मुख्यालय में हाजिर होने को कहा है।
बड़ी छापेमारी के बाद अब पूछताछ
इससे पहले 24 जुलाई को ED ने रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 50 कंपनियों और 25 व्यक्तियों के खिलाफ देशभर में छापेमारी की थी, जिनमें अकेले मुंबई में 35 ठिकानों पर कार्रवाई की गई। ये छापे धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मारे गए थे।
CBI की FIR के बाद तेज हुई कार्रवाई
ED की इस कार्रवाई की नींव CBI द्वारा दर्ज दो FIRs से जुड़ी है, जिसमें आरोप है कि 2017 से 2019 के बीच अनिल अंबानी की कंपनियों को YES बैंक से मिली लोन राशि का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया। इस दौरान YES बैंक के प्रमोटरों को संदिग्ध रूप से बड़ी रकम हस्तांतरित की गई, जिसे ED रिश्वत का हिस्सा मानकर जांच कर रही है।
लोन के नाम पर फर्जीवाड़ा – शेल कंपनियों को फायदा
जांच में कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं :
शेल कंपनियों के नाम पर लोन पास किए गए
एक ही निदेशक और एड्रेस का उपयोग कर कई कंपनियां खड़ी की गईं
बिना वैध दस्तावेजों के फंड जारी किए गए
पुराने कर्ज चुकाने के लिए नए लोन दिए गए
कुछ कंपनियों का फाइनेंशियल बैकग्राउंड ही संदिग्ध था
SEBI और NHB की रिपोर्ट ने खोली पोल
SEBI, नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB), NFRA और बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी ED को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। SEBI की रिपोर्ट में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) पर गंभीर अनियमितताओं का आरोप है। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी का कॉर्पोरेट लोन पोर्टफोलियो 2017-18 में ₹3,742 करोड़ से बढ़कर 2018-19 में ₹8,670 करोड़ हो गया, जो अपने आप में संदेहास्पद है।
पहले भी घोषित हुए थे फ्रॉड अकाउंट
यह पहली बार नहीं है जब अनिल अंबानी की कंपनियां विवादों में घिरी हैं। नवंबर 2020 में SBI ने RCom और अनिल अंबानी के अकाउंट्स को “फ्रॉड” घोषित किया था। हालांकि, 2021 में दिल्ली हाई कोर्ट के यथास्थिति आदेश के बाद CBI की शिकायत वापस ले ली गई थी।
रिलायंस ग्रुप की सफाई
रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने 26 जुलाई को स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया कि ED की छापेमारी से उनके बिजनेस ऑपरेशन्स, फाइनेंशियल प्रदर्शन या शेयरधारकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। कंपनियों ने जांच में सहयोग देने की बात कही है।
अनिल अंबानी के खिलाफ चल रही यह बड़ी जांच देश के कॉर्पोरेट और बैंकिंग सिस्टम में गहराई से जुड़ी धोखाधड़ी की परतें खोलती जा रही है। 5 अगस्त की पूछताछ से मामले में और कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।



