FAKE COMPLAINT CASE | छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री को बदनाम करने की साजिश, फर्जी शिकायतें भेजी गईं PMO तक …

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम को बदनाम करने की एक सुनियोजित साजिश का खुलासा हुआ है। इस साजिश के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति भवन और अन्य उच्चस्तरीय संस्थानों को फर्जी लेटरपैड पर 80 से 90 झूठी शिकायतें भेजी गईं। इन शिकायतों में मंत्री पर भ्रष्टाचार के बेबुनियाद आरोप लगाए गए थे।
इस पूरे मामले की जानकारी सबसे पहले भाजपा नेता राहुल हरितवाल को हुई। जब उन्होंने देखा कि हिंदू जनजागृति समिति, महाराष्ट्र के नाम पर मंत्री के खिलाफ शिकायतें भेजी गई हैं, तो उन्होंने संगठन के समन्वयक सुनील घनवट से संपर्क किया। घनवट ने ऐसी किसी भी शिकायत से इनकार करते हुए बताया कि उनके नाम, हस्ताक्षर और मोबाइल नंबर का फर्जी इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने इसकी लिखित शिकायत पुणे पुलिस और फिर रायपुर पुलिस को दी।
जांच में क्या सामने आया?
जांच में पता चला कि सभी फर्जी शिकायतें कोरबा जिले के हसदेव उप डाकघर से रजिस्टर्ड डाक के जरिए भेजी गई थीं। राहुल हरितवाल ने कोरबा जाकर खुद पड़ताल की और डाकघर कर्मचारियों की मदद से CCTV फुटेज व मोबाइल नंबर के आधार पर दो संदिग्धों की पहचान की।
FIR दर्ज, तीन हिरासत में
रायपुर के राखी थाना पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर ली है और तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318, 319 और 336 के तहत केस दर्ज किया गया है, जो जालसाजी, धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज तैयार करने जैसे अपराधों से जुड़ी हैं।
क्यों है मामला संवेदनशील?
यह मामला इसलिए गंभीर है क्योंकि शिकायतें देश के सर्वोच्च संवैधानिक संस्थानों को भेजी गईं और एक राष्ट्रीय संगठन का नाम घसीटा गया। इससे मंत्री की छवि को गहरा नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे असली मास्टरमाइंड कौन है।



