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RAIPUR REGISTRY SCAM | रजिस्ट्री में बड़ा खेल! मकान बना… कागज़ों में खाली प्लॉट!

 

रायपुर, 08 अगस्त 2025. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में संपत्ति की रजिस्ट्री प्रक्रिया में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। राजस्व विभाग की हालिया ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया है कि वर्ष 2024-25 के दौरान 400 से अधिक मामलों में नियमों की अनदेखी कर रजिस्ट्री की गई।

पक्के मकान, रजिस्ट्री खाली प्लॉट की

रिपोर्ट में सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ है कि जिन जगहों पर पहले से पक्के मकान बने हुए थे, वहां रजिस्ट्री “खाली प्लॉट” के रूप में की गई। इस धोखाधड़ी के जरिए स्टांप ड्यूटी की चोरी की गई। इसके अलावा, सिंचित जमीन को असिंचित और मुख्य सड़कों के किनारे की महंगी जमीन को दूरस्थ क्षेत्र की बताकर ₹8.5 करोड़ की स्टांप ड्यूटी चोरी की गई।

सिस्टम नहीं, अंदरूनी मिलीभगत

ऑडिट रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह गड़बड़ी सिर्फ सिस्टम की कमजोरी नहीं, बल्कि विभागीय अधिकारियों और संबंधित पक्षों की अंदरूनी मिलीभगत का परिणाम है। मकानों को खाली जमीन दिखाकर स्टांप शुल्क में 50% तक की चोरी, सिंचित भूमि को असिंचित दिखाकर दर घटाना और दानपत्र व हिबा-नामा का दुरुपयोग आम तरीके बने हुए हैं।

आधा चेक, आधा नकद – पुराना खेल, नया तरीका

रिपोर्ट के अनुसार, खरीददार से आधी रकम चेक के माध्यम से ली जाती है ताकि कागजों पर लेनदेन वैध प्रतीत हो, जबकि शेष रकम नकद में वसूली जाती है। इससे संपत्ति की कीमत रजिस्ट्री में कम दर्ज होती है और सरकार को मिलने वाली स्टांप ड्यूटी में भारी घाटा होता है।

पहले भी हुआ था करोड़ों का नुकसान

यह पहला मामला नहीं है। वर्ष 2021-22 में भी 1,217 मामलों में इसी तरह स्टांप ड्यूटी चोरी कर राज्य सरकार को ₹12.5 करोड़ का नुकसान पहुंचाया गया था।

उद्योगों पर भी शिकंजा

सरकार ने उद्योग नीति के तहत रियायत लेने वाले 25 से अधिक उद्योगों को नोटिस जारी किए हैं। ये वे इकाइयाँ हैं जिन्हें 2 वर्षों में उत्पादन शुरू करना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब सरकार इनसे रियायत की राशि की वसूली की तैयारी में है।

अब क्या कदम उठाएगी सरकार?

इस खुलासे के बाद राजस्व विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। यह देखना होगा कि राज्य सरकार इस घोटाले के खिलाफ क्या कठोर कदम उठाती है और दोषियों को क्या सज़ा मिलती है।

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