BREAKING | दिल्ली में भागवत-शिवराज की सीक्रेट मीटिंग, अटकलें तेज

नई दिल्ली/भोपाल। संघ प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की 45 मिनट की बंद कमरे में हुई मुलाकात ने मध्यप्रदेश की राजनीति को एक बार फिर गरमा दिया है। यह बैठक झंडेवालान स्थित संघ कार्यालय केशवकुंज में हुई। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच करीब 45 मिनट तक गहन चर्चा चली।
संगठनात्मक बदलाव की अटकलें तेज
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद भाजपा संगठन में बड़े बदलाव हो सकते हैं। ऐसे में शिवराज और भागवत की मुलाकात को खास अहमियत दी जा रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर पार्टी और संघ के बीच मंथन जारी है, जिसमें शिवराज का नाम भी समय-समय पर सामने आता रहा है।
दो साल पहले भी हुई थी 45 मिनट की मुलाकात
यह भी दिलचस्प है कि साल 2023 विधानसभा चुनाव से आठ महीने पहले नागपुर में भी शिवराज और भागवत की 45 मिनट तक मुलाकात हुई थी। ठीक उतनी ही देर की बातचीत इस बार दिल्ली में भी हुई, जिससे कयासों का दौर और तेज हो गया है।
शिवराज का जवाब और संघ से जुड़ाव
हाल ही में जब शिवराज से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की संभावना पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था – “जब आप बड़े मिशन का हिस्सा होते हैं तो वही तय करता है कि आप कहां काम करेंगे।”
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान का आरएसएस से जुड़ाव बचपन से है। 13 साल की उम्र में वह संघ से जुड़े और 1975 में छात्र संघ चुनाव जीतकर अध्यक्ष बने।
राजनीतिक अनुभव और लाड़ली बहना का जादू
शिवराज संगठनात्मक अनुभव रखने वाले नेता माने जाते हैं। वह भाजपा पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य रह चुके हैं और 2019 में पार्टी के सदस्यता अभियान के प्रमुख भी रहे। 2023 विधानसभा चुनाव में उनकी लाड़ली बहना योजना को भाजपा की जीत का बड़ा कारण माना गया।
सस्पेंस बरकरार
हालांकि, बंद कमरे में हुई इस मुलाकात में आखिर किन मुद्दों पर बातचीत हुई, यह अब भी सस्पेंस बना हुआ है। लेकिन इतना तय है कि इस बैठक के बाद भाजपा के भीतर संगठनात्मक फेरबदल की अटकलें और तेज हो गई हैं।



