CG COAL LEVY SCAM | कोयला लेवी घोटाले में सूर्यकांत तिवारी की डायरी से बड़ा खुलासा

रायपुर, 30 सितंबर 2025। छत्तीसगढ़ में कोयला लेवी घोटाले की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा खुलासा किया है। ED ने राज्य के मुख्य सचिव और ACB-EOW को पत्र भेजकर कारोबारी सूर्यकांत तिवारी की जब्त डायरी में दर्ज 80 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध लेन-देन की जानकारी साझा की। डायरी में दो IPS, दो IAS और एक ASP सहित प्रभावशाली अधिकारियों के नाम सामने आए हैं, जो भूपेश बघेल सरकार के दौरान केंद्रीय भूमिकाओं में रहे।
डायरी में प्रमुख लेन-देन
IPS अधिकारी (भूपेश सरकार में प्रभावशाली) : सूर्यकांत तिवारी को 11.5 करोड़ रुपये
IPS अधिकारी (महासमुंद जिले में पोस्टेड) : 2.65 करोड़ रुपये
IAS अधिकारी : 0.75 करोड़ रुपये
IAS अधिकारी (पूर्व जेल रह चुके) : 60 करोड़ रुपये
ASP (पुलिस अधिकारियों के करीबी) : सूर्यकांत तिवारी से 5.67 करोड़ रुपये
ये लेन-देन कोयला परिवहन परमिट और अवैध वसूली से जुड़े बताए जा रहे हैं। ED का अनुमान है कि कुल घोटाले की राशि 570 करोड़ रुपये से अधिक है।
कोयला लेवी घोटाले की शुरुआत
छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन के लिए ऑनलाइन परमिट सिस्टम को जानबूझकर ऑफलाइन मोड में बदल दिया गया।
आदेश 15 जुलाई 2020 को तत्कालीन खनिज विभाग निदेशक IAS समीर विश्नोई ने जारी किया था।
प्रमुख आरोपी: सूर्यकांत तिवारी, जिन्होंने कर्मचारियों के माध्यम से व्यापारियों से वसूली कर परमिट जारी कराए।
FIR, गिरफ्तारी और संपत्ति जब्ती
FIR : 36 लोगों के खिलाफ, जिनमें दो पूर्व मंत्री और विधायकों शामिल हैं।
गिरफ्तार: IAS समीर विश्नोई, रानू साहू, सौम्या चौरसिया (पूर्व CM उपसचिव), JD माइनिंग SS नाग और सूर्यकांत तिवारी। सभी जमानत पर बाहर।
ED ने 100 से अधिक संपत्तियां जब्त की हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में है।
आगे की कार्रवाई
ED ने 10 वरिष्ठ IAS-IPS अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की सिफारिश की है। ACB-EOW जांच तेज कर रही है और और नाम उजागर होने की संभावना है। मामला प्रशासनिक सुधार और छत्तीसगढ़ की खनिज नीतियों पर बहस को जन्म दे सकता है।



