PM SURYAGHAR KUSUM YOJANA | नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने का आह्वान : डॉ. रमन सिंह

राजनांदगांव। सेवा पर्व के अवसर पर गांधी ऑडिटोरियम में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना और पीएम-कुसुम योजना पर कार्यशाला का शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने किया। इस अवसर पर महापौर व पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण वैष्णव, जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष सचिन बघेल, नगर निगम आयुक्त अतुल विश्वकर्मा, समाजसेवी खूबचंद पर्ख, अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।
डॉ. सिंह ने किया सौर ऊर्जा का महत्व स्पष्ट
कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ. रमन सिंह ने कहा कि भारत को नवीकरणीय ऊर्जा समाधान अपनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने होंगे। उन्होंने बताया कि फिलहाल भारत की सौर ऊर्जा क्षमता 100 गीगावॉट है, जिसे वर्ष 2030 तक 300 गीगावॉट तक ले जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि कोयला जैसे पारंपरिक संसाधनों पर निर्भरता अस्थायी है और इससे गंभीर पर्यावरणीय खतरे पैदा हो रहे हैं।
डॉ. सिंह ने व्यक्तिगत उदाहरण देते हुए बताया कि पीएम-कुसुम योजना के तहत उनके परिवार ने कबीरधाम जिले के रामपुर गांव में 3 मेगावॉट सोलर प्लांट लगाने का समझौता किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस योजना से किसान अपने बिजली चालित पंपों को सौर पंपों से बदल सकते हैं, जिससे लागत कम होगी और किसान ऊर्जा उत्पादक बन सकेंगे।
जनप्रतिनिधियों ने रखे विचार
मधुसूदन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच की सराहना की और कहा कि पीएम सूर्यघर योजना उपभोक्ताओं को आत्मनिर्भर बनाती है, जबकि पीएम-कुसुम किसानों को डीजल खर्च घटाने और अतिरिक्त आय अर्जित करने का अवसर देती है।
किरण वैष्णव ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर सोलर पैनलों पर 50% से अधिक सब्सिडी प्रदान कर रही हैं। साथ ही 25 साल की वारंटी दी जा रही है, जिससे लाभार्थियों में योजनाओं को लेकर गहरी रुचि दिखाई दे रही है।
लाभार्थियों को बांटे प्रमाण पत्र
कार्यक्रम के दौरान डॉ. सिंह ने पीएम सूर्यघर योजना के 16 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र और पीएम-कुसुम योजना के 5 लाभार्थियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए। प्रतिभागियों ने सोलर प्लांट संचालकों द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी स्टॉलों का अवलोकन कर योजनाओं की तकनीकी जानकारी भी प्राप्त की।
यह कार्यशाला न केवल लोगों को सौर ऊर्जा के लाभों से अवगत कराने का प्रयास थी बल्कि यह संदेश भी दिया कि भविष्य की ऊर्जा जरूरतें नवीकरणीय स्रोतों से ही पूरी होंगी।



