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CG NGO SCAM | NGO घोटाले में पूर्व मंत्री-आईएएस समेत 14 लोगों के खिलाफ CBI जांच तेज

 

रायपुर, 7 अक्टूबर 2025। छत्तीसगढ़ के समाज कल्याण विभाग से जुड़े NGO घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने तेज कर दी है। अधिकारियों ने मना स्थित समाज कल्याण विभाग कार्यालय पहुंचकर डिप्टी डायरेक्टर से स्टेट रिसोर्स सेंटर (SRC) से संबंधित दस्तावेज मांगे और NGO से जुड़े तीन बंडल दस्तावेजों की फोटो कॉपी भी ली। CBI ने कहा कि दस्तावेजों की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सूत्रों के अनुसार इस घोटाले में एक मंत्री और 7 IAS सहित कुल 14 लोगों का नाम सामने आया है। वर्ष 2004 में समाज कल्याण मंत्री रेणुका सिंह, रिटायर्ड IAS विवेक ढांढ, MK राउत, डॉ. आलोक शुक्ला, सुनील कुजूर, BL अग्रवाल, सतीश पांडे और पीपी श्रोती ने मिलकर NGO स्थापित किया था। NGO का उद्देश्य दिव्यांगों को सहूलियतें प्रदान करना था, लेकिन वास्तविकता में यह संस्था केवल कागजों तक ही सीमित रही।

जांच में पता चला कि NGO बिना मान्यता के संचालित हो रहा था, बावजूद इसके केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत इसके खातों में करोड़ों रुपए ट्रांसफर किए गए। नियमों के अनुसार सरकारी कर्मचारी NGO में सदस्य नहीं हो सकते, लेकिन मंत्री और अधिकारियों ने मिलकर यह व्यवस्था बनाई।

घोटाले का पर्दाफाश 2016 में संविदा कर्मचारी कुंदन ठाकुर की RTI से हुआ। कुंदन ने पाया कि उनके जैसे कई कर्मचारी दो-तीन जगहों पर पदस्थ दिखाए गए और उनकी सैलरी भी नकली रूप से निकाली जा रही थी। दस्तावेजों के मुताबिक केवल पांच वर्षों में फर्जी सैलरी का आंकड़ा 1 करोड़ 70 लाख रुपए तक पहुंच गया। 2004 से 2018 तक NGO के खाते में समाज कल्याण विभाग और उसकी शाखाओं से सीधे फंड ट्रांसफर होते रहे।

CBI अब इस मामले में सभी जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई करेगी। मामला प्रदेश प्रशासन और राजनीति में भी भारी हलचल पैदा कर रहा है।

 

 

 

 

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