MP DEFECTOR MLA | पाला बदलने वाले पूर्व विधायक अब राजनीति के हाशिए पर … पढ़िए ये खबर

ग्वालियर। 2018 में कमलनाथ की अगुवाई में मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी, लेकिन कुछ ही समय बाद 22 विधायकों के पाला बदलने के कारण सरकार गिर गई। अब ये पूर्व विधायक राजनीतिक तौर पर हाशिए पर जा चुके हैं। न तो उनकी विधायकी बची है और न ही संगठन में कोई महत्वपूर्ण पद। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में इनकी संख्या एक दर्जन से अधिक है।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कहने पर कई विधायकों को बीजेपी ने उस समय टिकट और मंडल, प्राधिकरणों में जगह देकर पुनर्वास किया। लेकिन अब इनकी राजनीति गुमनामी की ओर बढ़ रही है। आंकड़ों के अनुसार, 30 फीसदी ने चुनाव जीतकर वापसी की, जबकि 70 फीसदी पूर्व विधायकों की राजनीति संकट में है।
ओपीएस भदौरिया, गिर्राज कंसाना, रणवीर जाटव, मुन्नालाल गोयल, इमरती देवी, रक्षा सिरोनिया और रघुराज सिंह कंसाना जैसे कई पूर्व विधायक अब संगठन में कोई पद नहीं रखते और चुनावों में भी हार चुके हैं।
पूर्व सांसद विवेक शेजवलकर का कहना है कि बीजेपी में पद और जिम्मेदारी काम के आधार पर दिए जाते हैं, जबकि कांग्रेस के विधायक सतीश सिकरवार का कहना है कि “दगा किसी का सगा नहीं होता।”
ग्वालियर-चंबल में ये नेता फिलहाल सक्रिय नहीं हैं, लेकिन भविष्य में मंडल और प्राधिकरण में नियुक्ति के जरिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कोटे से उन्हें कहीं एडजस्ट किया जा सकता है।



