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CG LAND SCAM | सलवा जुडुम पीड़ितों की जमीन पर उद्योगपति का कब्जा, विधायक का हल्ला बोल

 

बीजापुर। सलवा जुडुम के दौरान विस्थापित हुए ग्रामीणों की पैतृक जमीनें अब उद्योगपतियों के कब्जे में जा रही हैं। बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि रायपुर के उद्योगपति महेंद्र गोयनका ने भैरमगढ़ राहत शिविरों में रह रहे पांच ग्रामीणों की कुल 127 एकड़ भूमि धोखाधड़ी से अपने नाम कर ली है।

विधायक मंडावी ने प्रेसवार्ता में बताया कि भूस्वामियों को इसकी जानकारी तक नहीं थी और उन्हें बहला-फुसलाकर जमीन बेचने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने इसे “सुनियोजित धोखाधड़ी” बताते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच और जमीन की तत्काल वापसी की मांग की है।

उद्योगपतियों पर बस्तर की जमीन लूटने का आरोप

मंडावी ने आरोप लगाया कि भाजपा की डबल इंजन सरकार के संरक्षण में बस्तर के जल, जंगल और जमीन को उद्योगपतियों के हवाले किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में बस्तर की प्राकृतिक संपदा लूटने का सिलसिला जारी है और स्थानीय लोगों की उपजाऊ भूमि पर बाहरी पूंजीपतियों की नज़र है।

विस्थापन के बाद छिनी पैतृक जमीन

विधायक के अनुसार, अबूझमाड़ से सटे ग्राम धर्मा, बैल, छोटेपल्ली और मरकापाल के ग्रामीण सलवा जुडुम के दौरान अपने घर छोड़कर भैरमगढ़ राहत शिविरों में रह रहे थे। इनकी पैतृक जमीनें इनकी आजीविका का एकमात्र साधन थीं, लेकिन इसी दौरान उद्योगपति गोयनका ने इनसे बिना सहमति जमीनें खरीद लीं।

धोखे में रखे गए ग्रामीण

मंडावी ने बताया कि प्रभावित ग्रामीणों को न कानून की समझ है, न दस्तावेजों की जानकारी। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपनी पूरी पैतृक संपत्ति यूं ही नहीं बेचता। “यह जमीन नहीं, अस्मिता की लूट है,” उन्होंने कहा।

प्रभावितों की सूची

चेतन नाग पिता संपत नाग, ग्राम धर्मा – 12 एकड़

घस्सू राम पिता लक्षिन्दर, ग्राम बैल – 29 एकड़

पीला राम पिता गेटू, ग्राम बैल – 18 एकड़

लेदरी सेठिया, ग्राम छोटेपल्ली – 40 एकड़

बीरबल पिता बेदे, ग्राम मरकापाल – 10 एकड़
कुल भूमि: 127 एकड़

कांग्रेस करेगी जनआंदोलन

विधायक ने कहा कि पुल बनने से अबूझमाड़ से जुड़े गांवों तक रास्ता तो खुल गया, लेकिन घर लौटने का सपना टूट गया। कांग्रेस आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर जनआंदोलन करेगी।

सरकार के सामने रखीं 4 मांगें

जमीन खरीद-बिक्री की उच्च स्तरीय जांच समिति बने

प्रभावित परिवारों को जमीन की तत्काल वापसी मिले

धोखाधड़ी में शामिल लोगों पर कार्रवाई की जाए

आदिवासी क्षेत्रों में भूमि हस्तांतरण पर सख्त निगरानी रखी जाए

 

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