STOCK MARKET CRASH | शेयर बाजार में तबाही की उलटी गिनती शुरू?

नई दिल्ली। मशहूर फाइनेंशियल गुरु और “रिच डैड पुअर डैड” के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी की नई भविष्यवाणी ने शेयर बाजार में हलचल मचा दी है। उन्होंने दावा किया है कि अमेरिकी स्टॉक मार्केट में बड़ा क्रैश आने वाला है, जिससे अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है। उनका कहना है कि यह गिरावट अब शुरू हो चुकी है और निवेशकों को तुरंत सोना, चांदी और क्रिप्टोकरेंसी जैसे ठोस एसेट्स में शिफ्ट हो जाना चाहिए।
कौन हैं रॉबर्ट कियोसाकी
रॉबर्ट कियोसाकी 1970 के दशक से फाइनेंशियल एक्सपर्ट के तौर पर जाने जाते हैं। उनकी किताब “रिच डैड पुअर डैड” ने दुनियाभर में लाखों लोगों को फाइनेंशियल फ्रीडम का रास्ता दिखाया। कियोसाकी हमेशा कहते रहे हैं कि स्टॉक्स और बॉन्ड्स ‘फेक मनी’ हैं, जबकि सोना, चांदी और बिटकॉइन जैसी चीजें असली संपत्ति हैं।
उन्होंने पहले भी कई बार क्रैश की भविष्यवाणी की थी – COVID-19 महामारी के दौरान और 2022 में भी और अब, नवंबर 2025 में उन्होंने फिर चेतावनी दी है, “क्रैश शुरू हो चुका है, लाखों डॉलर उड़ने वाले हैं!”
क्या हैं संभावित कारण

अमेरिकी अर्थव्यवस्था इन दिनों भारी कर्ज के बोझ से दबी है। अमेरिका का नेशनल डेब्ट 35 ट्रिलियन डॉलर पार कर चुका है, जो GDP का 130% से ज्यादा है। वहीं, फेडरल रिजर्व ब्याज दरें घटा रहा है लेकिन महंगाई (इन्फ्लेशन) अभी भी 3% के आसपास है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ब्याज दरों में कटौती रिसेशन को ट्रिगर कर सकती है, जैसा 2008 का वैश्विक आर्थिक संकट हुआ था।
कियोसाकी का कहना है कि कॉर्पोरेट प्रॉफिट्स और हाई वैल्यूएशन्स का बबल अब फट सकता है। वहीं, कंज्यूमर स्पेंडिंग घट रही है। उनका मानना है कि फिएट करेंसी यानी कागज़ी पैसे की वैल्यू और घटेगी। हालांकि, हाल ही में गोल्ड और बिटकॉइन दोनों में गिरावट देखने को मिली है, MCX पर गोल्ड 1.8% टूटा, जबकि बिटकॉइन 126,000 डॉलर से गिरकर 104,782 डॉलर पर पहुंच गया।
भारत पर क्या असर हो सकता है
अगर अमेरिकी शेयर बाजार क्रैश हुआ तो भारत पर भी असर तय है। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, US स्लोडाउन से भारतीय स्टॉक्स पर डायरेक्ट दबाव पड़ेगा, क्योंकि विदेशी निवेशक (FII) अपना पैसा निकाल सकते हैं।
हाल ही में ट्रंप टैरिफ्स के बाद सेंसेक्स 733 अंक गिरा था। सितंबर 2025 में एक्सपोर्ट्स 37.5% तक घटे थे। रुपया भी 88.77 तक कमजोर हुआ था।
गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि भले ही भारत की ट्रेड डिपेंडेंसी US पर कम है (करीब 3%), लेकिन स्टॉक मार्केट कोरिलेशन काफी ऊंचा है। अगर US में क्रैश आता है, तो निफ्टी 10-15% तक गिर सकता है और FII आउटफ्लो 15 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
कियोसाकी सही हों या गलत, लेकिन सतर्क रहना ज़रूरी है। निवेशक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाएं, इमरजेंसी फंड तैयार रखें और पैनिक न करें। इतिहास बताता है कि मार्केट क्रैश हर 7-10 साल में आते हैं, लेकिन समझदार निवेशक इन्हीं गिरावटों से फायदा कमाते हैं।



