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BIG BREAKING | डॉक्टर बना दहशतगर्द, फरीदाबाद से 300 किलो विस्फोटक और AK-47 बरामद

श्रीनगर/फरीदाबाद, 10 नवंबर 2025. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बड़े आतंकी साजिश का खुलासा करते हुए फरीदाबाद (हरियाणा) से भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद किए हैं। पुलिस के अनुसार यह खुलासा अनंतनाग के पूर्व डॉक्टर डॉ. अदील अहमद रदर (Adil Ahmad Rather) की निशानदेही के बाद हुआ, जिनके लॉकर से पहले एक AK-47 राइफल बरामद की गई थी।

दरअसल 8 नवम्बर को श्रीनगर पुलिस ने सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC), अनंतनाग के पूर्व चिकित्सक डॉ. अदील रदर के लॉकर की तलाशी के दौरान AK-47 राइफल बरामद की थी और उन्हें गिरफ़्तार कर कड़ी पूछताछ शुरू कर दी गई। पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर जांच टीम ने फरीदाबाद में छापेमारी की।

पुलिस और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार फरीदाबाद की छापेमारी में लगभग 350 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट (विस्फोटक निर्माण में प्रयुक्त), एक AK-47 राइफल और बड़ी मात्रा में जिंदा कारतूस व टाइमर जैसी सामग्री बरामद हुई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह सामग्री किसी बड़े आतंकी हमले की तैयारी में इस्तेमाल की जा सकती थी। जांच जारी है और बरामद मात्रा के बारे में कुछ रिपोर्टों में 350–360 किग्रा का आंकड़ा दिया गया है।

जांच के शुरुआती निष्कर्षों से यह भी संकेत मिल रहे हैं कि आरोपी का पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों, विशेषकर जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों से संबंध होने का शक है और वह लंबे समय से नेटवर्क की मदद कर रहा था। पुलिस का कहना है कि इस नेटवर्क में कई राज्यों के लोग शामिल हो सकते हैं और आगे भी गिरफ्तारी की संभावना बनी हुई है। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियाँ भी मामले की तह तक जाने के लिए जांच में सहयोग कर रही हैं।

फरीदाबाद छापेमारी के बाद स्थानीय पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस दोनों ने मामले की गंभीरता जताते हुए कहा है कि विस्फोटक और हथियारों की इतनी बड़ी खेप पकड़े जाने से संभावित बड़े हादसे टल गए। जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इतनी बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट कैसे लाई गई और इसका असली लक्ष्य क्या था। मामले में इस्तेमाल की गई आपराधिक धाराओं और संभावित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) हस्तांतरण की संभावना पर भी विचार चल रहा है।

पुलिस अभी तक सभी आरोपियों के नाम सार्वजनिक नहीं कर रही है; हालांकि मीडिया रिपोर्टों में डॉ. अदील रदर के अलावा फरीदाबाद में तैनात अन्य किसी चिकित्सक के जुड़ने की चर्चा भी आई है और जांचकर्ता इस पर भी गौर कर रहे हैं। अदालतीन कार्रवाई और आगे की केंद्रीय प्रवर्तन/खुफिया जांचों के अपडेट प्राप्त होते ही ढेरों और खुलासे संभव हैं।

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