DELHI CAR BLAST UPDATE | रूम 13 से दिल्ली ब्लास्ट साजिश, ATS का बड़ा खुलासा …

नई दिल्ली। दिल्ली में हुए कार ब्लास्ट मामले में जांच अब तेजी से आगे बढ़ रही है। ATS (एंटी टेररिज्म स्क्वॉड) को जांच के दौरान बड़ा सुराग मिला है। एजेंसी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग नंबर 17 के रूम नंबर 13 से इस ब्लास्ट की साजिश रची गई थी। इसी कमरे से फरीदाबाद में मिले 2900 किलोग्राम विस्फोटक का कनेक्शन भी जुड़ा हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, यह कमरा डॉ. मुज्जमिल अहमद गनेई उर्फ मुसैब के नाम पर अलॉट था, जो डॉ. उमर के साथ वहीं रहता था। जांच एजेंसियों ने बताया है कि दोनों बीते तीन महीनों से आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और अंसर गजावत-उल-हिंद के संपर्क में थे। सोमवार को ATS की टीम ने करीब 5 घंटे तक यूनिवर्सिटी परिसर में पूछताछ की और कमरे से कई अहम सामान जब्त किए।
ATS को मिले अहम सुराग
इस मामले में डॉ. शाहीन अंसारी मुख्य साजिशकर्ता बताया जा रहा है। शाहीन को फरीदाबाद से विस्फोटक सामग्री के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसकी निशानदेही पर उसके भाई परवेज अंसारी की तलाश शुरू की गई। मंगलवार को लखनऊ में उसके घर पर छापा मारते समय वह फरार हो गया था, लेकिन बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान पेन ड्राइव, मोबाइल, लैपटॉप और हार्ड डिस्क बरामद हुए हैं, जिनमें कई संवेदनशील जानकारियां होने की संभावना है।
यूनिवर्सिटी में घंटों चली छानबीन
ATS टीम ने डॉ. मुज्जमिल और उमर के कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर तलाशी ली। करीब तीन घंटे तक तलाशी अभियान चला और कई संदिग्ध दस्तावेज व इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए। टीम ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि जांच में कोई निर्दोष न फँसे और कोई अपराधी बच न पाए।
मुज्जमिल की कार से मिली थी AK-47
जांच की शुरुआत तब हुई जब पुलिस को एक कार से AK-47 राइफल मिली। वह कार डॉ. मुज्जमिल की बताई जा रही है। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही शाहीन का नाम सामने आया। अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और उनसे गहन पूछताछ जारी है।
एजेंसियां अब इस बात की पड़ताल कर रही हैं कि यह तीनों आरोपी किसी बड़े आतंकी संगठन के इशारे पर काम कर रहे थे या खुद की साजिश रच रहे थे। जांच अभी जारी है और कई नए खुलासों की संभावना बनी हुई है।



