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BASTAR NAXAL OPERATION : काले कपड़ों में हिड़मा, लाल जोड़े में पत्नी राजे, नक्सली आतंक का अंत …

 

सुकमा। बस्तर के पूवर्ती गांव में सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए एक करोड़ के इनामी नक्सली कमांडर माडवी हिड़मा और उसकी पत्नी राजे का आज भावुक माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। दोनों के शव गांव लाए जाने के बाद आसपास के कई गांवों पूर्वर्ती, जबगट्टा, बटुम, टेकलगुडेम और मीनट्टा से सैकड़ों लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे।

काले कपड़ों में हिड़मा, लाल जोड़े में पत्नी राजे

अंतिम संस्कार से पहले हिड़मा को काला शर्ट–पैंट पहनाया गया, जबकि उसकी पत्नी राजे को लाल जोड़े में सजाया गया। दोनों का एक साथ दाह संस्कार किया गया। परिजन और ग्रामीण रोते-बिलखते रहे। समाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी भी अंतिम यात्रा में शामिल हुईं। उन्होंने स्वयं हिड़मा को तैयार किया और शव से लिपटकर फूट-फूट कर रो पड़ीं।

“सरेंडर की तैयारी कर रहा था” – परिवार

हिड़मा के परिजनों ने दावा किया कि वह अपने साथियों के साथ सरेंडर करने की तैयारी में था। कुछ दिन पहले ही गृह मंत्री ने हिड़मा और देवा की मां से मुलाकात कर वापस घर लौटने की अपील कराई थी। परिजनों का कहना है कि “शायद सरेंडर करने आया हो और तभी मुठभेड़ हो गई।”

सोनी सोरी ने भी कहा कि “गृहमंत्री ने उससे और उसकी मां से अपील की थी, इसी बीच उसका एनकाउंटर कर दिया गया।”

दो दिन पहले हुआ था बड़ा एनकाउंटर

मंगलवार को आंध्र प्रदेश-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर सुरक्षा बलों और ग्रेहाउंड कमांडोज़ ने हिड़मा, राजे और चार अन्य नक्सलियों को ढेर कर दिया था। हिड़मा पर 1 करोड़ रुपये का इनाम था और वह कई बड़ी नक्सली घटनाओं का मास्टरमाइंड माना जाता था। एनकाउंटर के बादBodies आंध्र पुलिस की कस्टडी में थीं, जिन्हें प्रक्रिया पूरी होने पर गांव भेजा गया।

बस्तर में लगातार कमजोर होता नक्सली संगठन

पिछले कुछ महीनों में सुरक्षा बलों ने बस्तर और आसपास के इलाकों में लगातार बड़ी सफलताएं हासिल की हैं।

सीपीआई माओवादी के महासचिव बासव राजू दादा ढेर

सोनू दादा और रूपेश दादा जैसे सेंट्रल कमेटी सदस्य सरेंडर

कई बड़े कैंप और नेटवर्क ध्वस्त

हिड़मा की मौत को नक्सल संगठन के लिए बड़ी क्षति माना जा रहा है।

कड़े सुरक्षा पहरे में अंतिम संस्कार

पूवर्ती गांव, जो कभी पुलिस की पहुंच से दूर था, आज सुरक्षा बलों से पूरी तरह घिरा रहा। चप्पे-चप्पे पर जवान तैनात थे और संगीनों के साए में अंतिम संस्कार संपन्न हुआ।

अमित शाह की टारगेट टाइमलाइन

इस मुठभेड़ की सफलता के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों को बधाई दी। उन्होंने हिड़मा को 30 नवंबर तक खत्म करने का टारगेट दिया था और देश को मार्च 2026 तक पूरी तरह नक्सल-मुक्त करने की घोषणा की है।

 

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