DUBAI AIR SHOW | दुबई एयर शो में LCA तेजस क्रैश, भारतीय पायलट शहीद

रायपुर डेस्क। दुबई एयर शो 2025 में ऐसा हादसा हुआ जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। भारत का स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान LCA तेजस अपनी डेमो फ्लाइट के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें भारतीय वायुसेना के पायलट की मौत हो गई। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार दोपहर 2:10 बजे अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हुआ, जहां हजारों दर्शक प्रदर्शन देख रहे थे।
कैसे हुआ हादसा?
तेजस हवा में करतब दिखाते हुए अचानक नियंत्रण खो बैठा। कुछ ही पलों में विमान तेज़ी से नीचे गिरा और जमीन से टकराते ही जोरदार धमाका हुआ। आसमान में काले धुएं का गुबार छा गया। हादसे के तुरंत बाद फायरफाइटिंग और इमरजेंसी टीमें मौके पर पहुंच गईं और क्षेत्र को सुरक्षित कर लिया गया।
भारतीय वायुसेना का बयान
भारतीय वायुसेना ने हादसे की पुष्टि करते हुए कहा कि पायलट की शहादत बेहद दुखद है। वायुसेना ने बताया कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी गठित कर दी गई है, जो दुर्घटना के कारणों की जांच करेगी। IAF ने शहीद पायलट को श्रद्धांजलि देते हुए परिवार के प्रति संवेदना जताई है।
दुबई मीडिया ऑफिस की प्रतिक्रिया
दुबई मीडिया ऑफिस ने एक्स पर जानकारी दी कि विमान क्रैश “दुखद” घटना है और अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे क्षेत्र को घेराबंदी कर लिया है।
राहुल गांधी और तीनों सेनाओं द्वारा संवेदना
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शहीद पायलट के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पूरा देश इस कठिन समय में परिवार के साथ खड़ा है। CDS जनरल अनिल चौहान सहित तीनों सेनाओं ने भी गहरा दुख व्यक्त किया और पायलट की वीरता को नमन किया।
इससे पहले कब क्रैश हुआ था तेजस?
LCA तेजस का यह दूसरा बड़ा हादसा है। 2024 में जैसलमेर में तेजस इंजन फेल होने से दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, लेकिन तब पायलट सुरक्षित बच गए थे।
तेजस: भारत का गर्व
HAL द्वारा विकसित तेजस 4.5 जनरेशन का सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है, जो पूरी तरह भारत में बनाया गया है। हल्का, फुर्तीला और अत्याधुनिक तकनीक से लैस तेजस भारत की वायु शक्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
दुबई एयर शो 2025: दुनिया का सबसे बड़ा एविएशन फेस्ट
17-21 नवंबर 2025 के बीच हुए इस एयर शो में –
1500+ प्रदर्शक
200+ उन्नत विमान
115 देशों की भागीदारी
12 बड़े अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
शामिल हुए। यह शो आज एयरोस्पेस और रक्षा तकनीक का सबसे बड़ा वैश्विक मंच बन चुका है।



