CG LIQUOR SCAM | शराब घोटाले में बड़ा अपडेट …

रायपुर, 27 नवंबर। छत्तीसगढ़ के 3200 करोड़ रुपये के बहुचर्चित शराब घोटाले में EOW ने आज एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए कुल 6 आरोपियों के खिलाफ 6500 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट स्पेशल कोर्ट में दाखिल कर दी। जिन आरोपियों पर चालान पेश किया गया है, उनमें कारोबारी नीतेश पुरोहित, यश पुरोहित, अतुल सिंह समेत छह लोग शामिल हैं। इनमें यश और नीतेश पुरोहित पिता–पुत्र हैं, जो जेल रोड स्थित होटल गिरिराज के संचालक हैं और जांच में अनवर ढेबर के करीबी सहयोगी के रूप में सामने आए हैं।
अब तक 50 आरोपी कोर्ट में
इस पूरे प्रकरण में अब तक 50 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया जा चुका है और जांच अभी भी जारी है।
निरंजन दास पर बड़े खुलासे
जांच में खुलासा हुआ कि आबकारी विभाग में पदस्थापना के दौरान निरंजन दास ने नीतिगत बदलाव, टेंडरों में हेरफेर और विभागीय व्यवस्थाओं में जानबूझकर गड़बड़ी करके सिंडिकेट को फायदा पहुँचाया।
जांच के अनुसार, बदले में उन्हें हर महीने 50 लाख रुपये की हिस्सेदारी मिलती थी। अब तक मिले दस्तावेज बताते हैं कि उन्होंने कम से कम 16 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की, जिसे परिवार के नाम से संपत्तियों में निवेश किया गया।
शराब कंपनियों से उगाही की दोषपूर्ण नीति
जांच में यह भी साबित हुआ कि शराब कंपनियों से कमीशन उगाही के लिए बनाई गई FL-10A लायसेंसी प्रथा के जरिए सिंडिकेट को फायदा पहुँचाया गया। इस नीति से सरकार को 530 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जबकि आरोपियों की कंपनी ओम साई बेवरेजेस प्राइवेट लिमिटेड को करीब 114 करोड़ का फायदा हुआ।
गिरिराज होटल बना काले धन का हब
नीतेश और यश पुरोहित पर आरोप है कि वे सिंडिकेट की लगभग 1000 करोड़ रुपये की अवैध राशि को अपने होटल में इकट्ठा, छुपाने और आगे पहुँचाने का काम करते थे। EOW यह भी जांच रही है कि यह रकम किन-किन ठिकानों तक पहुंचाई गई।
दीपेन चावड़ा की अहम भूमिका
अनवर ढेबर का करीबी दीपेन चावड़ा भी घोटाले में बड़ी भूमिका निभाते पाया गया। चावड़ा पर आरोप है कि उसने नकदी और सोने की बड़ी मात्रा को सुरक्षित रखने, हवाला के जरिए अवैध लेनदेन कराने, AJS Agro के माध्यम से संपत्तियों में करोड़ों के निवेश कराने का काम किया। जांच के अनुसार, 2020 की इनकम टैक्स रेड के बाद उसने 1000 करोड़ से ज्यादा की नकदी और सोना सिंडिकेट के लिए हैंडल किया।
सभी आरोपी जेल में
वर्तमान में सभी आरोपी रायपुर की केंद्रीय जेल में न्यायिक अभिरक्षा में हैं और आगे की जांच तेज़ी से जारी है।



