BREAKING | केंद्र का बड़ा आदेश, खनन परियोजनाओं में सतही अधिकार अब सीधे कलेक्टर देगा …

रायपुर, 27 नवंबर 2025। खनन मंत्रालय, भारत सरकार ने खनिज एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 20A के तहत एक अहम आदेश जारी किया है। नए आदेश का उद्देश्य खनन परियोजनाओं के लिए भूमि उपलब्धता और सतही अधिकार की प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और समयबद्ध बनाना है।
सबसे बड़ा बदलाव : सतही अधिकार सीधे जिला कलेक्टर से
पहले कंपनियों को जमीन मालिकों से सीधे सौदा करना पड़ता था, जिससे –
• लंबी देरी
• बिचौलियों की भूमिका
• जमीन का दाम बढ़ना
• परियोजनाओं में बाधा
अब नए प्रावधान के अनुसार –
• सतही अधिकार जिला प्रशासन/राजस्व विभाग के जरिए दिए जाएंगे
• प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध होगी
• बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी
• जमीन मालिक को पूरा लाभ मिलेगा
राज्यों के लिए तय सख्त समय-सीमाएँ
- 30 दिनों के भीतर मुआवज़ा निर्धारण अधिकारी की नियुक्ति
- नियुक्ति न होने पर जिला कलेक्टर स्वतः अधिकृत अधिकारी
- वार्षिक सतही मुआवज़ा हर वर्ष 30 जून तक अनिवार्य
- वर्ष के मध्य में खनन शुरू होने पर प्रो-राटा मुआवज़ा अग्रिम
- प्राप्त आवेदन पर 90 दिनों में मुआवज़ा निर्धारण
- खनन क्षेत्र में निर्बाध प्रवेश सुनिश्चित करना
सुधार का उद्देश्य
• खनन परियोजनाओं की गति बढ़ेगी
• उत्पादन में वृद्धि होगी
• स्थानीय रोजगार बढ़ेंगे
• राज्यों की राजस्व प्राप्ति में बढ़ोतरी होगी
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
नेशनल एम्प्लॉयर्स फेडरेशन (NEF) ने इस कदम को “गेम-चेंजर” बताते हुए कहा है कि यह सुधार वास्तविक किसानों और भूमि मालिकों को सीधा लाभ देगा और खनन ब्लॉकों के संचालन में तेजी लाएगा।



