hindi newsनेशनल

SANCHAAR SAATHI APP | हर नए स्मार्टफोन में अब अनिवार्य होगा ‘संचार साथी’ ऐप

 

नई दिल्ली, 2 दिसंबर। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने बड़ा फैसला लेते हुए सभी नए और आयात किए गए स्मार्टफोन्स में ‘संचार साथी’ ऐप को प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य कर दिया है। यह कदम साइबर अपराध, मोबाइल चोरी, फर्जी सिम कनेक्शन और नकली IMEI नंबरों पर सख्त नियंत्रण के उद्देश्य से उठाया गया है। इसके लिए मोबाइल निर्माता और आयातकों को 90 दिनों के भीतर निर्देश लागू करने होंगे।

नए और आयातित फोन में अनिवार्य इंस्टॉलेशन

DoT की 28 नवंबर 2025 की गाइडलाइन के अनुसार, भारत में बनने या विदेश से आयात होकर आने वाले हर स्मार्टफोन में यह ऐप पहले से इंस्टॉल रहेगा। फोन पहली बार ऑन करते समय ही संचार साथी दिखाई देगा।

पुराने फोन में कैसे आएगा ऐप?

जो मोबाइल पहले से तैयार होकर सेल्स चैनल में मौजूद हैं, उनमें संचार साथी एक सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए भेजा जाएगा। यानी पुराने स्मार्टफोन यूजर्स को भी यह ऐप मिल जाएगा।

ना होगा अनइंस्टॉल, ना डिसेबल

सरकार के नियम में यह स्पष्ट किया गया है कि संचार साथी ऐप को मोबाइल से न तो हटाया जा सकेगा और न ही डिसेबल किया जा सकेगा। यह फोन की अनिवार्य सिस्टम सेटिंग का हिस्सा रहेगा।

कैसे रोकेगा चोरी का फोन?

अगर मोबाइल चोरी या गुम हो जाए, तो ऐप के जरिए तुरंत रिपोर्ट कर सकते हैं।

इसके बाद फोन का IMEI नंबर ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।

कोई भी नई सिम लगाने की कोशिश करता है तो कंपनी को तुरंत संकेत मिल जाएगा कि यह फोन ब्लैकलिस्टेड है।

ऐसे में चोरी किए गए फोन को ढूंढना आसान होगा।

सेकंड-हैंड मोबाइल खरीदने वालों के लिए फायदेमंद

भारत में सेकंड हैंड मोबाइल का बड़ा बाजार है, जहां अनजाने में चोरी के फोन भी बिक जाते हैं। संचार साथी ऐप ब्लैकलिस्टेड या ब्लॉक IMEI को चेक करने की सुविधा देता है, जिससे ग्राहक धोखाधड़ी से बच सकेंगे।

फीचर फोन में क्या होगा ऐप?

फीचर फोन में यह ऐप इंस्टॉल होगा या नहीं, इस पर अभी स्पष्टता नहीं है। हालांकि, सरकार फीचर फोन के IMEI नंबर को CEIR सिस्टम से जोड़ रही है, जिससे ऐप न होने पर भी गुम या चोरी हुए फीचर फोन को ब्लॉक किया जा सकेगा।

DoT ने किया है ऐप को विकसित

संचार साथी ऐप, दूरसंचार विभाग द्वारा बनाया गया एक साइबर सुरक्षा और मोबाइल सुरक्षा प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य मोबाइल उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रखना और डिजिटल धोखाधड़ी पर नियंत्रण करना है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button