SONIA GANDHI NOTICE | सोनिया गांधी वोटर लिस्ट विवाद में दिल्ली कोर्ट का नोटिस

नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उस याचिका पर दिया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि सोनिया गांधी का नाम 1980-81 की वोटर लिस्ट में गलत तरीके से शामिल किया गया था, जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता अप्रैल 1983 में मिली थी। कोर्ट ने राज्य सरकार को भी नोटिस भेजते हुए पूरे मामले का रिकॉर्ड (TCR) तलब किया है। अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी।
याचिका में क्या कहा गया है
विकास त्रिपाठी द्वारा दायर याचिका में आरोप है कि सोनिया गांधी का नाम 1980 की नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में जोड़ा गया था, जबकि उस समय वे इटली की नागरिक थीं। याचिकाकर्ता ने मजिस्ट्रेट के उस फैसले को भी चुनौती दी है, जिसमें शिकायत को खारिज कर दिया गया था। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने की।
11 सितंबर को खारिज हुई थी याचिका
इससे पहले ACMM वैभव चौरेसिया ने 11 सितंबर को याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि चुनावी मामलों में कोर्ट का हस्तक्षेप संविधान के अनुच्छेद 329 का उल्लंघन होगा।
भाजपा ने भी लगाए थे गंभीर आरोप
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी 13 अगस्त को दावा किया था कि सोनिया गांधी का नाम दो अलग-अलग वोटर लिस्ट में तब शामिल था, जब वे भारतीय नागरिक भी नहीं थीं। उन्होंने इसे चुनावी कानून के उल्लंघन का मामला बताया था।
वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने का विवाद
पहली बार नाम शामिल (1980): सोनिया गांधी का नाम पोलिंग स्टेशन 145 में क्रम संख्या 388 पर जोड़ा गया था, जबकि वे इटली की नागरिक थीं। दूसरी बार नाम शामिल (1983): विरोध के बाद नाम हटाया गया, लेकिन 1983 की लिस्ट में फिर जोड़ा गया। समस्या यह थी कि योग्यता की तारीख 1 जनवरी 1983 थी, जबकि नागरिकता उन्हें 30 अप्रैल 1983 को मिली।
मालवीय ने यह भी सवाल उठाया कि सोनिया गांधी ने शादी के 15 साल बाद नागरिकता क्यों ली और एक ही व्यक्ति का नाम दो बार बिना नागरिकता के वोटर लिस्ट में आने को गंभीर “इलेक्टोरल मालप्रैक्टिस” बताया।



