BHUPESH BAGHEL STATEMENT | बीजेपी-RSS ने ही फैलाया “हिंदू खतरे में है” का डर

दुर्ग। अखिल भारतीय एससी, एसटी, ओबीसी संयुक्त मोर्चा छत्तीसगढ़ के संविधान पर्व एवं राज्य स्तरीय सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी, आरएसएस और चर्चित कथावाचकों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश में हिंदू कभी खतरे में नहीं था, लेकिन बीजेपी-आरएसएस ने “हिंदू खतरे में है” का डर दिखाकर तीन बार सत्ता हासिल की।
अब हिंदू नहीं, खुद को सनातनी कहने लगे
भूपेश बघेल ने कहा कि न अनुसूचित जाति खतरे में है, न जनजाति, न पिछड़ा वर्ग और न ही अल्पसंख्यक। बीजेपी केवल डर फैलाकर राजनीति कर रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अब ये लोग खुद को हिंदू नहीं, बल्कि “सनातनी” कहने लगे हैं।
मुगलों-सुल्तानों के दौर में भी हिंदू सुरक्षित था
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज़ादी की लड़ाई के समय भी हिंदू खतरे में नहीं था। देश आज़ाद हुआ तब भी कोई खतरा नहीं था। मुगलों, सुल्तानों और मुस्लिम शासकों के दौर में भी हिंदू सुरक्षित था। असली राजनीति तब शुरू हुई, जब आरएसएस-बीजेपी सत्ता में आई और “हिंदू खतरे में है” का नारा दिया गया।
कथावाचकों पर सीधा वार
भूपेश बघेल ने कथावाचकों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दो महाराज घूम रहे हैं प्रदीप मिश्रा और धीरेंद्र शास्त्री। ये भगवान शिव और हनुमान के बारे में कम, टोटकों और अंधविश्वास की बातें ज्यादा करते हैं।
उन्होंने कहा कि समाज पढ़ा-लिखा तो हो रहा है, लेकिन अंधविश्वास भी बढ़ता जा रहा है। आम लोग इनसे ज्यादा जानते हैं कि शिव कौन हैं, हनुमान कौन हैं और पूजा कैसे होती है।
श्रद्धालु वहीं के वहीं, महाराज मालामाल
भूपेश बघेल ने कहा कि लोग इन कथाओं में जमकर पैसा चढ़ाते हैं, लेकिन उनकी हालत सुधरी या नहीं, कोई नहीं जानता। हां, इन महाराजों की हालत जरूर बहुत सुधर गई है। हमारे महापुरुषों ने अंधविश्वास खत्म करने की लड़ाई लड़ी थी, लेकिन आज समाज फिर उसी रास्ते पर लौट रहा है।
सर्वे पर बोले– ये बीजेपी का डर है
अपने नाम पर कराए जा रहे सर्वे को लेकर भूपेश बघेल ने कहा कि उनसे पूछा जा रहा है कि उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए या नहीं। उन्होंने सवाल किया कि इसका फैसला सर्वे करेगा या अदालत?
भूपेश बघेल ने कहा कि ऐसे सर्वे अमित शाह के इशारे पर कराए जा रहे हैं, जो बीजेपी के डर को दिखाते हैं। यह डराने की कोशिश है, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं।



