माघी पुन्नी मेला में दिख रही रौनक, राजिम के त्रिवेणी संगम पर संस्कृति के दर्शन
राजिम । माघी पुन्नी मेले के लिए राजिम के त्रिवेणी संगम की सूखी धरती पर सजाए गए मेला क्षेत्र की सुन्दरता रात में दुगुनी हो जाती है। चारों ओर आकर्षक विद्युत् साज-सज्जा के चलते समूचा मेला क्षेत्र किसी दिव्य स्थान की तरह दिखाई देता है। राजिम के भगवान राजीवलोचन मन्दिर से लेकर समूचे मेला क्षेत्र में जगमगाती रोशनी अलौकिकता के दर्शन कराती है। घाट पर भोर से लेकर देर रात तक चहल पहल बनी रहती है। कहीं भजनों के स्वर सुनाई देते हैं तो मंझीरा -झांझ की आवाज भी सुनने वालों को ठिठकने पर मजबूर कर देती है। साधु संतों के आशियानों पर भी भीड़ उमड़ती है। कोई अपना भाग्य जान रहा होता है तो कोई ईश्वर से मिलन का मार्ग ।
मेले में आने वाले लोग भी यहां आकर खुश हैं। विशेषकर इस बार की गई सुरक्षा व्यवस्था और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कारण श्रध्दालु संतुष्ट हैं। इस बार राजिम के मुख्य मंच में केवल छत्तीसगढ़ के कलाकारों को ही सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया है। सुबह से पहुंचे लोग दिन भर मेला घूमने के बाद शाम ढलते ही मुख्य मंच पहुंचकर इन प्रस्तुतियों का आनंद ले रहे हैं। उल्ल्ेखनीय है कि 19 फरवरी से शुरू हुए इस आयोजन का समापन 4 मार्च महाशिवरात्रि के दिन होगा।