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CG BREAKING | 500 करोड़ का DMF घोटाला, CBI ने संभाली जांच, जिलों में मचा हड़कंप

CG BREAKING | 500 crore DMF scam: CBI takes over investigation, panic spreads in districts

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 500 करोड़ रुपये से अधिक के माने जा रहे DMF (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) घोटाले की जांच अब CBI करेगी। खनिज विभाग के निदेशक रजत बंसल ने बिलासपुर संभाग आयुक्त को विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश जारी किए हैं। यह कार्रवाई पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और CBI में दर्ज कराई गई शिकायत के बाद शुरू हुई है।

निदेशक ने 12 नवंबर को भेजे पत्र में DMF फंड के अनुमोदन से जुड़ी प्रक्रियागत अनियमितताओं प्राथमिकता की अनदेखी, मनमानी स्वीकृति, फंड उपयोग में गड़बड़ी और संभावित वित्तीय दुरुपयोग की जांच कर जल्द रिपोर्ट भेजने को कहा है।

पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने आरोप लगाया है कि DMF फंड का उपयोग स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, पर्यावरण और खनन प्रभावित क्षेत्रों के हित में न होकर अन्य कार्यों में किया गया। कई जिलों में ऐसे प्रोजेक्ट पास किए गए जो न तो प्राथमिकता श्रेणी में थे और न ही स्थानीय जरूरतों से जुड़े। अनुमोदन प्रक्रिया में नियमों को दरकिनार कर सैकड़ों करोड़ की परियोजनाएं स्वीकृत करने के आरोप भी लगाए गए हैं।

CBI ने जांच की औपचारिक शुरुआत करते हुए राज्य सरकार से अनुमोदन फाइलें, तकनीकी स्वीकृतियां, वित्तीय उपयोग विवरण, टेंडर रिकॉर्ड, परियोजना प्रगति रिपोर्ट और लाभार्थी मूल्यांकन दस्तावेज मांगे हैं। इसके बाद जिलों में विभागीय स्तर पर हलचल बढ़ गई है।

ED की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर EOW ने पहले ही धारा 420 और 120B के तहत केस दर्ज कर लिया है। ED का कहना है कि DMF फंड के टेंडरों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं की गईं और ठेकेदारों को अवैध लाभ पहुँचाया गया। जांच में सामने आया कि ठेकेदारों ने अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं को 25% से 40% तक कमीशन दिया। यह रिश्वत फर्जी “अकोमोडेशन एंट्री” के रूप में दिखाई गई।

ED की कार्रवाई में 76.50 लाख रुपये नकद, आठ बैंक खातों में 35 लाख, फर्जी फर्मों से जुड़े दस्तावेज और कई डिजिटल डिवाइस बरामद किए गए हैं। इसमें कई ठेकेदार और बिचौलिए संजय शिंदे, अशोक अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, ऋषभ सोनी, मनोज द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल और शेखर शामिल बताए जा रहे हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, CBI द्वारा मांगे गए दस्तावेजों से साफ है कि एजेंसी जल्द ही जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान कर विस्तृत जांच करेगी। ननकीराम कंवर का कहना है कि उनकी अन्य शिकायतों PSC विवाद, शराब नीति, कोयला परिवहन और जल जीवन मिशन पर भी केंद्र ने गंभीरता से कार्रवाई की थी।

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