SUPREME COURT | राष्ट्रपति-राज्यपाल के फैसलों की समय-सीमा तय करने पर सुप्रीम कोर्ट में बहस

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ यह तय करने के लिए सुनवाई करेगी कि क्या अदालतें राष्ट्रपति और राज्यपाल को राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर निर्णय देने के लिए समय-सीमा निर्धारित कर सकती हैं। इस संबंध में कोर्ट ने केंद्र सरकार और सभी राज्यों को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, सूर्यकांत, पीएस नरसिंह और अतुल चंदुरकर शामिल हैं। यह बहस राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा 13 मई को सुप्रीम कोर्ट से मांगी गई सलाह के बाद शुरू हुई, जिसमें उन्होंने 14 संवैधानिक सवाल उठाए थे।
गौरतलब है कि, इससे पहले 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने आर्टिकल 142 के तहत कहा था कि राष्ट्रपति को तीन महीने के भीतर निर्णय देना चाहिए।
कांवड़ मार्ग पर रेस्टोरेंट्स को QR कोड दिखाना होगा
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कांवड़ मार्ग स्थित रेस्टोरेंट्स में क्यूआर कोड और लाइसेंस प्रदर्शित करने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि ग्राहक को यह जानने का अधिकार है कि भोजनालय में शाकाहारी या मांसाहारी भोजन परोसा जा रहा है या नहीं। याचिकाकर्ताओं ने इस आदेश को भेदभावपूर्ण बताया था, लेकिन अदालत ने उनका पक्ष खारिज कर दिया।



