सांसद रंजीत रंजन के बयान पर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने किया पलटवार कहा – ‘नक्सलवाद की जन्मदाता और संरक्षक कांग्रेस पार्टी है’

छत्तीसगढ़ से राज्यसभा की सांसद रंजीत रंजन के बयान के बाद अब सियासी सरगर्मी बढ़ी है। भाजपा की सरकार के वक्त प्रदेश के गृहमंत्री रह चुके, विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने नक्सल मामले पर कांग्रेस सांसद पर पलटवार करते हुए पूरी की पूरी कांग्रेस पार्टी को ही नक्सल समस्या की जननी बता दिया है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि- प्रदेश से रंजीत रंजन सांसद तो बन गईं, मगर छत्तीसगढ़ की एबीसीडी उन्हें नहीं मालूम। नक्सलवाद की जन्मदाता और संरक्षक कांग्रेस पार्टी है। सांसद रंजन का स्टेटमेंट गलत है। देश और प्रदेश के विकास को नक्सलियों ने अवरुध्द किया। शहरों में रहने वाले नक्सलियों के समर्थकों ने विकास को रोका। नक्सलियों के प्रति ये साॅफ्ट छत्तीसगढ़ के लिए घातक है।
बृजमोहन अग्रवाल ने आगे कहा- कांग्रेस की तो आइडियोलॉजी यही है, ये पहले बात से नक्सलवाद खत्म करने के दावे करते थे। ये उनकी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह इस पर अंकुश लगाने का काम कर रहे हैं। सांसद रंजन को चाहिए कि, वो पहले छत्तीसगढ़ की जानकारी प्राप्त करें, बिहार का, झारखंड का, आंध्रा के नक्सलवाद और यहां के नक्सलवाद में अंतर है। उनका ये बयान बताता है कि, कांग्रेसियों में नक्सलियों के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर है।
सांसद रंजीत रंजन ने कहा रायपुर एयरपोर्ट पर गुरुवार को मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि- बिहार के कुछ इलाके नक्सल प्रभावित रहे हैं, अब कम हो चुका है। सभी नक्सली लोग गलत नहीं होते। बहुत लोगों को मिस यूज किया जाता है। बहुत लोग उनके नाम से दुकानें चला रहे होते हैं। वह भी इंसान हैं। हम भी इंसान हैं तो डर कैसा। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद शांत हो चुका है। जो लोग यह पैदा कर रहे हैं वह नहीं चाहते कि शांति बहाल हो।
रंजन ने आगे कहा – हम लोग चाहते हैं शांति बहाल हो, इतना सुंदर बस्तर है। अगले महीने से सेशन शुरू कर रहे हैं। बस्तर को टूरिस्ट प्लेस के रूप में डेवलप करेंगे। उन्होंने कहा, पहली बार बस्तर जा रहे हैं। मेरा मेन टारगेट पूरा छत्तीसगढ़ घूमना है। यहां के लोगों को समझना है, राजनीतिक परिपेक्ष्य में जानना है कि लोग क्या चाहते हैं। कुछ लोग जानबूझकर डर फैलाने का काम करते हैं, टूरिज्म बढ़े स्टेट का फायदा होगा।
प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने गुरुवार को नक्सल मामले में अफसरों की बैठक ली। इसके बाद उनकी तरफ से कहा गया कि राज्य सरकार के विश्वास, विकास और सुरक्षा की नीति पर चलने के कारण नक्सल गतिविधियों में कमी आई है। इन 4 वर्षो में लगभग 15 सौ नक्सलियों ने आत्मसपर्मण किया।
पिछले साल केंद्र सरकार ने दावे के साथ कहा था पिछले 3 सालों में देश में नक्सल घटनाओं में गिरावट देखने को मिली है। मगर राज्य वार जो आंकड़े पेश किए गए उनमें सबसे ऊपर छत्तीसगढ़ है। केंद्र की तरफ से कहा गया था कि साल 2018,19 और 20 में छत्तीसगढ़ में कुल 970 वारदातें हुईं इसमें 341 लोगों की मौत हुई। ये जानकारी लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने दी थी। तब प्रदेश के गृहमंत्री ने इन आंकड़ों की जानकारी होने से इंकार किया था।