छत्तीसगढ़

माईनिंग फंड के खर्च में जवाबदेही सुनिश्चित करने का कांग्रेस ने किया स्वागत

रायपुर। जिला कलेक्टरों से डीएमएफ का हिसाब मांगे जाने का स्वागत करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन ने कहा है कि सरकार में जवाबदेही हर स्तर पर होना चाहिए माइनिंग डेवलपमेंट फंड का सृजन इसलिए किया गया था ताकि जो लोग माइनिंग से प्रभावित हो रहे हैं उन क्षेत्रों में विकास प्रभावित हुआ है उन क्षेत्रों में विकास के नए रास्ते बनाए जा सके चाहे स्कूल हो चाहे अस्पताल हो चाहे सड़क हो।
दुर्भाग्य से रमन सिंह की सरकार में भाजपा की सरकार में लगातार डीएमएस के पैसों का दुरुपयोग किया गया और कई जिला कलेक्टर इस दुरुपयोग और राशि की अफरातफरी के संवाहक बने। बिना जवबदेही के डीएमएफ के पैसे को ऐसे समझ लिया गया था जैसे उनका कोई हिसाब ही नहीं देना है। भूपेश बघेल की सरकार, कांग्रेस की सरकार ने अन्य सभी क्षेत्रों के साथ-साथ डीएमएफ में भी जवाबदेही की जो शुरुआत की है कांग्रेस पार्टी उसका स्वागत करती है।
राष्ट्रीय एजेंसी सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) की छत्तीसगढ़ में ज़िला खनिज कोष (डीएमएफ़) पर जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि छत्तीसगढ़ की रमन सरकार ने निवेश को जनता से जोड़ने की बजाय निर्माण पर निवेश करने में लगा दिया। खनन से प्रभावित लोगों तक सबसे अधिक धन जाना चाहिए था, लेकिन उन तक एक प्रतिशत राशि भी नहीं पहुंच रही है। रिपोर्ट में इसका भी जिक्र है कि कैसे सरकार ने केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए नियमों को बदल दिया और नियम विरुद्ध निवेश किया। चुनावी वर्ष में लाभ लेने डीएमएफ़ का पैसा प्रधानमंत्री उज्जवला योजना तक में लगा दिया। छत्तीसगढ़ के तीन ज़िलों कोरबा, दंतेवाड़ा और रायगढ़ में डीएमएफ़ के तहत सबसे अधिक पैसा इकट्ठा होता है। डीएमएफ के पैसों को भी रमन सिंह सरकार वहीं खर्च करती रही जहां कमीशन मिले है, प्रभावित वंचित रहे।

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