National Herald Case: सोनिया-राहुल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, कांग्रेस का ईडी दफ्तर के बाहर जोरदार प्रदर्शन
National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए विशेष अदालत में चार्जशीट...

16, April, 2025| रायपुर। National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम शामिल हैं। ईडी की इस कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजधानी रायपुर के राजीव गांधी चौक स्थित ईडी कार्यालय के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव सहित कई कांग्रेस के दिग्गज नेता शामिल हुए। कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
नेशनल हेराल्ड केस की शुरुआत 2012 में हुई जब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल की। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने धोखाधड़ी और वित्तीय गड़बड़ी के जरिए घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार और उसकी संपत्तियों पर कब्जा कर लिया।
स्वामी के अनुसार, इसके लिए ‘यंग इंडियन लिमिटेड’ नामक एक संस्था बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की बड़ी हिस्सेदारी है। इसके माध्यम से ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL)’, जो कि नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करती थी, का अधिग्रहण कर लिया गया। आरोप है कि यह सब दिल्ली स्थित हेराल्ड हाउस जैसी करीब 2000 करोड़ की संपत्ति को हथियाने के मकसद से किया गया।
स्वामी ने दावा किया कि महज 50 लाख रुपये में करीब 2000 करोड़ की कंपनी को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश की गई, जो मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है।
अब तक की कानूनी कार्यवाही
- जून 2014: कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत अन्य पर समन जारी किया।
- अगस्त 2014: ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।
- दिसंबर 2015: सभी आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
- अप्रैल 2025: अब ईडी ने इस मामले में औपचारिक चार्जशीट अदालत में पेश कर दी है।
इस घटनाक्रम के बाद से कांग्रेस हमलावर मुद्रा में है और इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है, वहीं ईडी का कहना है कि उनके पास ठोस साक्ष्य हैं जिनके आधार पर कार्रवाई की जा रही है।



