chhattisgarhhindi newsछत्तीसगढ़

RAIPUR HELIPAD CRASH : माना एयरपोर्ट हेलीकॉप्टर क्रैश मामले में 3 साल बाद एक्शन …

 

रायपुर, 9 जुलाई 2025। राजधानी रायपुर स्थित माना एयरपोर्ट पर 12 मई 2022 को हुए शासकीय हेलीकॉप्टर अगस्ता A109E की क्रैश लैंडिंग के मामले में तीन साल बाद बड़ी कार्रवाई की गई है। इस हादसे में दो वरिष्ठ पायलट – कैप्टन एपी श्रीवास्तव और कैप्टन गोपालकृष्ण पांडा की मौत हो गई थी। अब इस हादसे के लिए जिम्मेदार माने जा रहे तत्कालीन चीफ पायलट पंकज जायसवाल की सेवाएं राज्य सरकार ने समाप्त कर दी हैं। वर्तमान में वे राज्य विमानन विभाग में मुख्य सलाहकार के पद पर पदस्थ थे।

हादसे के बाद भी नहीं हुई थी कार्रवाई

यह हादसा उस समय हुआ था जब कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी। लेकिन उस समय न तो किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई और न ही किसी जांच के आदेश दिए गए थे। उल्टा पंकज जायसवाल को प्रमोट कर तीन लाख रुपये मासिक वेतन पर मुख्य सलाहकार बना दिया गया था, जिससे सरकार की मंशा पर सवाल उठे थे।

DGCA की जांच रिपोर्ट में खुली पोल

हेलीकॉप्टर हादसे की तकनीकी जांच डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने की थी। तीन महीने पहले DGCA ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी, जिसमें माना एयरपोर्ट के विमान रखरखाव तंत्र को बेहद लचर बताया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि हेलीकॉप्टर में आवश्यक कलपुर्जों को समय पर बदला नहीं गया और सुरक्षा मापदंडों की लगातार अनदेखी की गई।

रिपोर्ट दबाकर बैठी थी पिछली सरकार

DGCA की रिपोर्ट आने के बाद भी तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसे सार्वजनिक नहीं किया। हाल ही में जब यह रिपोर्ट मीडिया में लीक हुई, तो राज्य सरकार ने तत्काल आंतरिक जांच बैठाई। जांच में पंकज जायसवाल की घोर लापरवाही सामने आई, जिसके बाद सरकार ने उनके अनुबंध को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया।

अब उठे सवाल – जान गंवाने वाले पायलटों को मिला क्या?

तीन साल बाद हुई इस कार्रवाई को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह देर से उठाया गया कदम न्यायपूर्ण माना जाएगा? जिन दो अनुभवी पायलटों ने जान गंवाई, क्या उनके परिवारों को इंसाफ मिला? विमानन विभाग में इस लापरवाही ने दो जिंदगियां छीन लीं, जिसकी भरपाई अब तक नहीं हो सकी।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button