छत्तीसगढ़

Raipur Skywalk News: 8 साल से अधूरे स्काईवॉक प्रोजेक्ट को मिली रफ्तार, फिर शुरू हुआ निर्माण कार्य

Raipur Skywalk News: राजधानी के बहुचर्चित और वर्षों से अधूरे पड़े स्काईवॉक प्रोजेक्ट को आखिरकार दोबारा गति मिल गई है। शास्त्री चौक से जयस्तंभ..

रायपुर। Raipur Skywalk News: राजधानी के बहुचर्चित और वर्षों से अधूरे पड़े स्काईवॉक प्रोजेक्ट को आखिरकार दोबारा गति मिल गई है। शास्त्री चौक से जयस्तंभ चौक और अंबेडकर अस्पताल चौक के बीच बनाए जा रहे इस स्काईवॉक (फुट ओवरब्रिज) का निर्माण कार्य आठ साल से ठप पड़ा था, जिसे अब दोबारा शुरू किया जा रहा है। रविवार को निर्माण एजेंसी के इंजीनियर और कर्मचारी स्काईवॉक के ढांचे पर चढ़कर स्थिति का जायजा लेते नजर आए।

अस्थायी कार्यालय बना, फिर से सक्रिय हुई निर्माण एजेंसी

अंबेडकर अस्पताल के पास अस्थायी कार्यालय स्थापित कर दिया गया है। इसी के साथ निर्माण एजेंसी PSAA कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को ठेका सौंप दिया गया है, जो अब दोबारा निर्माण कार्य शुरू कर रही है। विभागीय अनुबंध और कायदिश मिलने के बाद यह काम दोबारा शुरू हुआ है।

जर्जर ढांचे की जांच के बाद शुरू होगा मुख्य काम

लंबे समय तक निर्माण बंद रहने और देखरेख न होने की वजह से स्काईवॉक का ढांचा जर्जर होने लगा है। स्टील स्ट्रक्चर में जंग लगना शुरू हो गया है, जिसे लेकर चिंता जताई गई थी। इस वजह से सबसे पहले ढांचे की मजबूती और फिटनेस का परीक्षण किया गया है। विभागीय मुख्य अभियंता द्वारा गठित समिति ने मौके का निरीक्षण किया और रिपोर्ट में बताया कि स्काईवॉक के नट-बोल्ट और स्टील स्ट्रक्चर की स्थिति संतोषजनक है, हालांकि खुले वातावरण के कारण कुछ हिस्सों में जंग लग चुका है।

अब तक खर्च हुए 50 करोड़, अभी बाकी 40% कार्य

प्रोजेक्ट का लगभग 60 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है, जिस पर अब तक करीब 50 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। शेष 40 फीसदी कार्य को पूरा करने में विभाग को अनुमानित 37.75 करोड़ रुपए और खर्च करने होंगे। पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान इस प्रोजेक्ट पर काम बंद हो गया था, जिसके बाद यह प्रोजेक्ट सालों तक अधर में लटका रहा।

शास्त्री चौक से होगी नई शुरुआत, पहले उपयोगी हिस्सों का निर्माण

लोक निर्माण विभाग के अनुसार, निर्माण कार्य सबसे पहले शास्त्री चौक से शुरू होगा। यहां रोटरी निर्माण के साथ-साथ फिनिशिंग का कार्य भी प्राथमिकता में रहेगा। स्काईवॉक की सीढ़ियां, एस्केलेटर, लिफ्ट, छतों पर शीटिंग, केबलिंग और इलेक्ट्रिकल फिटिंग जैसे कार्य प्रमुखता से किए जाएंगे।

गुणवत्ता और तय समयसीमा का रखा जाएगा पूरा ध्यान

निर्माण एजेंसी को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि स्काईवॉक का निर्माण पूर्व अनुमोदित ड्राइंग व डिजाइन के अनुरूप ही किया जाए। सभी नॉन-एसओआर (Standard Schedule of Rates) आइटमों का दर विश्लेषण विभागीय नियमों के अनुसार अनुमोदित किया जा रहा है। विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि कार्य का पर्यवेक्षण और मूल्यांकन निर्धारित विभागीय मानकों के अनुसार किया जाए और निर्माण की गुणवत्ता से कोई समझौता न हो।

निवासियों को मिल सकती है बड़ी राहत

रायपुर के बीचोंबीच स्थित यह स्काईवॉक प्रोजेक्ट अगर तय समय में पूरा होता है, तो राजधानी के व्यस्ततम इलाकों में पैदल यात्रियों की आवाजाही सुरक्षित और सुगम हो सकेगी। ट्रैफिक दबाव भी कम होगा और जाम की समस्या से निजात मिलेगी। लंबे इंतजार के बाद यह प्रोजेक्ट फिर से पटरी पर लौट आया है, जिससे शहरवासियों को काफी उम्मीदें हैं।

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