DHANTERAS 2025 | लक्ष्मी कृपा पाने का मौका! धनतेरस पर ऐसे करें दीपदान, बनेंगे सभी काम आसान

नई दिल्ली। धनतेरस, जिसे धन्वंतरि त्रयोदशी भी कहा जाता है, दीपावली पर्व की शुरुआत का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन भगवान धनवंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसीलिए इस दिन सोना, चांदी, धातु के बर्तन या अन्य शुभ वस्तुएं खरीदना अत्यंत मंगलकारी माना जाता है।
इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा के साथ शाम को दीपक जलाने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि घर के मुख्य द्वार, खिड़कियों और आंगन में दीप जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-समृद्धि का आगमन होता है।
पूजा घर में दीपक जलाना
धनतेरस की शाम को पूजा घर में मां लक्ष्मी और कुबेर देवता के नाम का दीपक जलाना चाहिए। इस दीपक में घी का उपयोग शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में सुख-शांति, धन-वैभव और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
दक्षिण दिशा में यमराज के नाम का दीपक
धनतेरस पर यमराज के नाम का चौमुखी दीपक दक्षिण दिशा में जलाने की परंपरा है। इसे जलाने से परिवार पर अकाल मृत्यु और अशुभ प्रभावों से रक्षा होती है। इस वर्ष यम दीपक जलाने का शुभ समय शाम 5:48 मिनट से 7:04 मिनट तक रहेगा।
धनतेरस पर कितने दीपक जलाने चाहिए?
इस दिन 13 दीपक जलाने की परंपरा है। पहला दीपक घर के बाहर किसी कोने में जलाया जाता है। माना जाता है कि दीपदान से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और लक्ष्मी का स्थायी वास होता है।
दीपदान का शुभ मुहूर्त
धनतेरस पर दीपदान का शुभ मुहूर्त शाम 5:48 मिनट से 7:04 मिनट तक रहेगा। कुल अवधि 1 घंटा 16 मिनट की होगी।
दीपक जलाते समय यह ध्यान रखें कि दीपक घी या तिल के तेल से जलाएं और उसे साफ-सुथरे स्थान पर रखें। दीपक जलाते हुए ‘ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ या ‘ॐ कुबेराय नमः’ का जप करना अत्यंत शुभ फल प्रदान करता है।



