Chhattisgarh Vidhansabha: नेता सफल या असफल? जवाब देंगे उनके निजी सहायक!
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज मंत्रियों और विधायकों के निजी सचिवों (PS) और निजी सहायकों (PA) के लिए एक दिवसीय महत्वपूर्ण प्रशिक्षण शिविर...

छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज मंत्रियों और विधायकों के निजी सचिवों (PS) और निजी सहायकों (PA) के लिए एक दिवसीय महत्वपूर्ण प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने जहां स्टाफ को जनप्रतिनिधियों की छवि बेहतर बनाने की जिम्मेदारी याद दिलाई, वहीं नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने उन्हें किसी को ‘आबाद’ या ‘बर्बाद’ करने की शक्ति रखने वाला बताया।
“छवि बिगाड़ने नहीं, बनाने का काम करें पीए-पीएस” – डॉ. रमन सिंह
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “पीए और पीएस की भूमिका अपने मंत्री और विधायकों की छवि बेहतर करने में होनी चाहिए, न कि किसी को निपटाने में।” उन्होंने बताया कि सरकार बनने के बाद पहले मंत्रियों और विधायकों को प्रशिक्षित किया गया और अब करीब 100 से अधिक पीए-पीएस को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो कि अत्यंत महत्वपूर्ण है।
डॉ. सिंह ने इस स्टाफ के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि प्रदेश की तीन करोड़ आबादी में केवल 100 लोग ऐसे हैं जो विधायक और मंत्रियों के सीधे संपर्क में हैं। इसलिए, उन्हें सरकारी योजनाओं, प्राधिकरण के खर्चों और हर विभाग की कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की प्रमुख (फ्लैगशिप) योजनाओं की जानकारी रखने पर जोर दिया, ताकि विधायक और मंत्री भी उनका लाभ उठा सकें।
विधानसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि पीएस और पीए जनप्रतिनिधि के साथ-साथ आम जनता के बीच भी नेताओं के प्रदर्शन को बेहतर बना सकते हैं, और यह उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने जोर दिया कि विधायक और मंत्री की छवि उनके पीए और पीएस द्वारा ही बनती है। उन्होंने विधायकों को भी अपने क्षेत्र की जानकारी रखने, प्राथमिकताएं तय करने और सक्रियता दिखाने की सलाह दी।
“हार-जीत में अहम भूमिका निभाते हैं सचिव” – डॉ. चरणदास महंत
प्रशिक्षण शिविर में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जीवन भर कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए, और पीए-पीएस का प्रशिक्षण इसीलिए भी आवश्यक है क्योंकि “विधायक और मंत्री को अगर बर्बाद करना है तो वही लोग करेंगे और अगर आबाद करना है तो भी वही लोग करेंगे।”
महंत ने बताया कि इस बार 51 नए विधायक हैं, और सिर्फ कागजात लेकर चिट्ठी लिखवाने से काम नहीं चलता। उन्होंने कहा कि पीए-पीएस को अपने नेताओं की “अच्छाई और बुराई को बताना चाहिए” और एक साथी के रूप में काम करना चाहिए, इसीलिए उनकी ट्रेनिंग जरूरी है।
यह पूछे जाने पर कि क्या पिछली सरकार के कार्यकाल में प्रशिक्षण न होने से कोई चूक हुई, डॉ. महंत ने कहा, “हमारे पीए और पीएस को अगर अंधेरे में रखे तो हमसे कई काम भी गलत हो सकते हैं।” उन्होंने नेताओं की हार और जीत में उनके सहयोग को महत्वपूर्ण बताया।



