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CG RTI CLARIFICATION | पुलिस बाल–दाढ़ी नियम साफ़, जीरो कट जरूरी नहीं

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिसकर्मियों के बीच लंबे समय से चल रही चर्चा बाल जीरो कट और क्लीन शेव अनिवार्य है या नहीं अब समाप्त हो गई है। पुलिस मुख्यालय (PHQ) ने आरटीआई के जवाब में स्पष्ट कर दिया है कि ऐसा कोई प्रशासनिक आदेश जारी नहीं हुआ है और न ही प्रशासन शाखा या किसी उप–शाखा के अभिलेखों में इसका उल्लेख है। इसका सीधा अर्थ है कि पुलिसकर्मी लंबे बाल या दाढ़ी रखने पर अनुशासनहीन नहीं माने जाएंगे।

आरटीआई के जवाब में खुला सच

संयुक्त पुलिस कर्मचारी एवं परिवार कल्याण संघ के अध्यक्ष उज्जवल दीवान ने 13 अक्टूबर को इस विषय पर आरटीआई दायर की थी। एआईजी अंशुमान सिसोदिया ने 12 नवंबर को दिए जवाब में साफ किया कि बाल जीरो कट या क्लीन शेव को अनिवार्य करने का कोई नियम या आदेश मौजूद ही नहीं है।

दीवान ने बताया कि 1861 के पुलिस ढांचे में अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों के चलते कई अप्रचलित परंपराएं आज तक व्यवहार में हैं, जबकि उनका कोई वैधानिक आधार नहीं है।

बाल–दाढ़ी पर दंडित करने की शिकायतें

दीवान ने आरोप लगाया कि कई जवानों को केवल दाढ़ी बढ़ाने या जीरो कट न कराने पर अनुशासनहीनता बताकर दंडित किया गया। कई जगहों पर हर मंगलवार और शुक्रवार को जीरो कट अनिवार्य किए जाने की मौखिक दबावपूर्ण परंपरा भी जारी है। इससे पुलिसकर्मियों को अनावश्यक मानसिक तनाव और अपमान का सामना करना पड़ता है।

“अंग्रेजों के जमाने की प्रथाओं को खत्म करने का समय”

उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी आज अपने अधिकारों को लेकर अधिक जागरूक हो रहे हैं। अब समय है कि औपनिवेशिक सोच से प्रेरित पुरानी प्रथाओं को समाप्त किया जाए। दीवान का कहना है कि जल्द ही पुलिस विभाग में समानता और सम्मान की भावना और मजबूत होगी, जिससे जवानों को बराबरी का अधिकार मिल सकेगा।

 

 

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