BJP MEETING : मॉनसून सत्र से पहले दिल्ली में सर्वदलीय बैठक, जेपी नड्डा ने विपक्ष-पक्ष को साधा, 8 विधेयकों पर सहमति की कोशिश

दिल्ली। संसद के 21 जुलाई से शुरू होने वाले मॉनसून सत्र से पहले भाजपा अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में आज सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक का उद्देश्य सत्र को सुचारू रूप से चलाना और केंद्र सरकार द्वारा लाए जाने वाले 8 अहम विधेयकों पर अधिकतम सहमति बनाना रहा।
कौन पहुंचे बैठक में?
बैठक में कांग्रेस से जयराम रमेश, प्रमोद तिवारी, के. सुरेश, गौरव गोगोई, एआईएडीएमके के थम्बीदुरई, राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास, डीएमके के टी. आर. बालू, लोजपा के अरुण भारती, सुप्रिया सुले, आरएसपी के एन. के. प्रेमचंद्रन, बीजेडी के सस्मित पात्रा, जेडीयू के संजय झा, वाईएसआरसीपी के गुरु मूर्ति, अनुप्रिया पटेल, आरएलडी के डॉ. राजकुमार सांगवान, रामदास अठावले, श्रीकांत शिंदे सहित कई नेता शामिल हुए। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और डीएमके के टी. सिवा भी बैठक में पहुँचे।
INDIA गठबंधन की पृष्ठभूमि
बैठक ऐसे समय हुई जब विपक्षी INDIA गठबंधन ने एक दिन पहले मॉनसून सत्र की रणनीति पर वर्चुअल बैठक की थी। विपक्ष ने बताया कि संसद में सरकार को घेरने के लिए 8 प्रमुख मुद्दों पर आम सहमति बनी है।
ध्यान देने योग्य बात : AAP ने स्पष्ट किया है कि वह INDIA गठबंधन का हिस्सा केवल 2024 लोकसभा चुनावों तक थी; पिछली विपक्षी बैठक में वह शामिल नहीं हुई।
जस्टिस यशवंत वर्मा पर संभावित महाभियोग चर्चा
सूत्रों के अनुसार, सरकार मॉनसून सत्र के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। इस संवेदनशील विषय पर सर्वदलीय संवाद जरूरी माना जा रहा है, ताकि संसदीय प्रक्रिया सुचारू रहे।
मॉनसून सत्र में सरकार के प्रस्तावित 8 विधेयक
नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल
नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन बिल
जियोहैरिटेज साइट्स एवं जियोरिलिक्स संरक्षण व रखरखाव बिल
IIM संशोधन बिल
मणिपुर GST संशोधन बिल
टैक्सेशन संशोधन बिल
जनविश्वास संशोधन बिल
खनन एवं खनिज (Mines & Minerals) संशोधन बिल
क्यों महत्वपूर्ण है यह सत्र?
विपक्ष महँगाई, केंद्र-राज्य संबंध, न्यायपालिका से जुड़े विवाद और रोजगार जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
सरकार विकास, सुधार और प्रशासनिक पारदर्शिता से जुड़े विधेयकों को आगे बढ़ाना चाहती है।
महाभियोग प्रस्ताव जैसी कार्यवाही माहौल को गरम कर सकती है—इसलिए सर्वदलीय सामंजस्य पर जोर।



