Bilaspur High Court: 27 साल पुराने भर्ती घोटाले में एसी ट्राइबल जायसवाल पर चलेगा मुकदमा, हाई कोर्ट ने याचिका की खारिज
Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ में 27 साल पहले हुए शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाले में फंसे तत्कालीन सीईओ और वर्तमान में एसी ट्राइबल सी.एल. जायसवाल के..
04, April, 2025 | बिलासपुर। Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ में 27 साल पहले हुए शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाले में फंसे तत्कालीन सीईओ और वर्तमान में एसी ट्राइबल सी.एल. जायसवाल के खिलाफ अब मुकदमा चलेगा। बिलासपुर हाई कोर्ट ने जायसवाल की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे अब उन पर स्पेशल कोर्ट में मुकदमे का रास्ता साफ हो गया है।
क्या है पूरा मामला?
साल 1998 में, जब सी.एल. जायसवाल जनपद पंचायत वाड्रफनगर में मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) के पद पर थे, तब राज्य सरकार ने शिक्षाकर्मी वर्ग-3 की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। इस दौरान सीईओ को चयन समिति का पदेन अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और उन्हीं की अध्यक्षता में पूरी भर्ती प्रक्रिया संपन्न हुई थी। लेकिन बाद में जायसवाल पर इस भर्ती में धांधली और घूसखोरी के गंभीर आरोप लगे।
शिकायतों के आधार पर सरगुजा कलेक्टर ने मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित की, जिसने अपनी रिपोर्ट में भर्ती में अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन की पुष्टि की। इसके बाद ACB और EOW ने जांच शुरू की।
हाई कोर्ट का फैसला
भ्रष्टाचार के इस मामले में स्पेशल कोर्ट (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) बलरामपुर ने 27 जून 2018 को जायसवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) और आईपीसी की धारा 120-बी के तहत आरोप तय कर दिए थे। इसके बाद जायसवाल ने हाई कोर्ट में आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी।
मामले की सुनवाई जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए जायसवाल की याचिका खारिज कर दी। इसके साथ ही, उन्हें पूर्व में दी गई अंतरिम राहत भी हटा ली गई है।
क्या हैं आरोप?
तत्कालीन सीईओ रहे जायसवाल पर आरोप है कि उन्होंने शिक्षाकर्मी वर्ग-3 की भर्ती प्रक्रिया में रिश्तेदारों और करीबी लोगों को बैकडोर एंट्री देकर बिना योग्यता और पात्रता के नौकरी दिला दी। शिकायत मिलने पर जांच कमेटी ने पाया कि भर्ती में भारी गड़बड़ियां की गई थीं और नियमों की अनदेखी कर अपात्र लोगों को नियुक्त किया गया था। जांच रिपोर्ट के आधार पर EOW ने जायसवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया और अब हाई कोर्ट के फैसले के बाद उनके खिलाफ मुकदमा चलेगा।
अब इस हाई-प्रोफाइल भर्ती घोटाले की सुनवाई स्पेशल कोर्ट में होगी, जहां जायसवाल को अपने बचाव में पेश होना होगा।



