Bharat Mala Project: भारत माला परियोजना में मुआवजा घोटाला, ईओडब्लू ने जांच शुरू, जल्द दर्ज होगी एफआईआर
Bharat Mala Project: भारतमाला परियोजना में मुआवजा घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने जांच शुरू कर दी है। जांच एजेंसी ने प्रशासन से...

07, April, 2025 | रायपुर | Bharat Mala Project: भारतमाला परियोजना में मुआवजा घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने जांच शुरू कर दी है। जांच एजेंसी ने प्रशासन से 500 पन्नों की रिपोर्ट मांगी है और अब जल्द ही एफआईआर दर्ज किए जाने की संभावना है। यह पहली बार है जब राज्य में किसी भूमि मुआवजा घोटाले की जांच ईओडब्लू कर रही है।
ईओडब्लू ने इस मामले से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज पहले ही जुटा लिए हैं, और कई बिंदुओं पर गोपनीय जांच भी पूरी हो चुकी है। घोटाले में शामिल लोगों पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी तेज हो चुकी है और जल्द ही गिरफ्तारियां भी संभव हैं।
220 करोड़ के घोटाले का खुलासा
शुरुआती जांच में सामने आया कि कुछ सरकारी अधिकारियों, भू-माफियाओं और प्रभावशाली व्यक्तियों ने मिलीभगत कर फर्जी दस्तावेजों के जरिए 43 करोड़ रुपये का मुआवजा हासिल किया था। विस्तृत जांच में यह आंकड़ा 220 करोड़ रुपये से भी अधिक पहुंच गया है। जांच एजेंसी को अब तक 164 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का रिकॉर्ड मिल चुका है, जो इस घोटाले के बड़े स्तर को दर्शाता है।
सीबीआई जांच की मांग, विधानसभा में उठा मुद्दा
घोटाले के बढ़ते दायरे को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने 6 मार्च को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की है।
इससे पहले, उन्होंने विधानसभा बजट सत्र 2025 में भी इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद सरकार ने मामले की जांच ईओडब्लू को सौंपने का फैसला लिया। अब ईओडब्लू ने जांच की प्रक्रिया तेज कर दी है और जल्द ही दोषियों पर कानूनी शिकंजा कस सकता है।
क्या है भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाला?
भारतमाला परियोजना के तहत 950 किमी लंबी सड़क का निर्माण रायपुर से विशाखपट्टनम तक किया जा रहा है। इस परियोजना में रायपुर से विशाखपट्टनम तक फोरलेन और दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क प्रस्तावित है।
सड़क निर्माण के लिए कई किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई, जिसके बदले में उन्हें मुआवजा मिलना था। लेकिन कई किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला, जबकि कुछ प्रभावशाली लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए करोड़ों रुपये का हेरफेर कर लिया।
अब इस घोटाले की परतें खुलने लगी हैं और ईओडब्लू दोषियों पर शिकंजा कसने की तैयारी में जुटी है। जल्द ही इस मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू की जा सकती है।