CG BREAKING | अब जमीन की खरीदी-बिक्री में नहीं लगेगी ऋण पुस्तिका की जरूरत

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने भूमि से जुड़ी जटिल प्रक्रियाओं को आसान बनाते हुए ऋण पुस्तिका की अनिवार्यता समाप्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में यह फैसला किसानों और जमीन खरीदारों की सुविधा को ध्यान में रखकर लिया गया है। अब प्रदेश में जमीन की खरीदी-बिक्री के लिए ऋण पुस्तिका (Loan Passbook) प्रस्तुत करना आवश्यक नहीं होगा।
पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक महानिरीक्षक कार्यालय की ओर से सभी जिला पंजीयकों को आधिकारिक पत्र जारी किया गया है। इसमें निर्देश दिया गया है कि भूमि पंजीयन के समय ऋण पुस्तिका की मांग न की जाए और उसकी जगह ऑनलाइन डेटा के आधार पर स्वामित्व की पुष्टि की जाए।
क्यों खत्म की गई ऋण पुस्तिका की अनिवार्यता
अधिकारियों ने बताया कि अब प्रदेश में राजस्व अभिलेख पूरी तरह ऑनलाइन हो चुके हैं। किसानों की भूमि पर भारित ऋण और अन्य प्रविष्टियां भुईयां पोर्टल के माध्यम से दर्ज की जाती हैं। वहीं, ऑटो म्यूटेशन सिस्टम के जरिए भूमि पंजीयन के साथ ही नया बी-1 रिकॉर्ड स्वतः तैयार हो जाता है। इससे अब भौतिक ऋण पुस्तिका की कोई आवश्यकता नहीं रह गई।
अक्सर देखा गया कि किसानों को भौतिक ऋण पुस्तिका न मिलने या अपडेट न होने के कारण खरीदी-बिक्री में दिक्कतें होती थीं। कई बार इससे शासन की छवि पर भी नकारात्मक असर पड़ता था।
पूरी प्रक्रिया अब पेपरलेस और डिजिटल
प्रदेश में वर्ष 2017 से भूमि दस्तावेजों का ऑनलाइन पंजीयन शुरू हो चुका है। अब पंजीयन सॉफ्टवेयर का भुईयां पोर्टल के साथ इंटीग्रेशन कर दिया गया है, जिससे खरीदार और विक्रेता दोनों के रिकॉर्ड रियल टाइम में सत्यापित हो जाते हैं।
शासन ने कहा है कि अब सभी पंजीयन पेपरलेस प्रणाली में होंगे, और किसानों से ऋण पुस्तिका मांगने की कोई आवश्यकता नहीं है। भूमि स्वामित्व, फसल विवरण एवं अन्य सभी जरूरी तथ्य ऑनलाइन डाटा के माध्यम से ही सत्यापित किए जाएंगे।



