chhattisgarhhindi newsछत्तीसगढ़

RELIGION CONVERSION HOARDINGS | धर्मांतरण रोकने वाले होर्डिंग्स पर हाईकोर्ट ने कहा …

 

रायपुर, 2 नवंबर 2025। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि जबरन या धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए लगाए गए होर्डिंग्स असंवैधानिक नहीं हैं। न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे होर्डिंग्स चेतावनी के तौर पर लगाए गए हैं और यदि वे संविधान द्वारा निर्धारित सीमाओं के भीतर हैं, तो उन्हें अवैध नहीं माना जा सकता।

याचिकाकर्ताओं ने उठाया था मौलिक अधिकारों का मुद्दा

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभू दत्त गुरु की खंडपीठ ने 28 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि कांकेर जिले के कई गांवों में लगाए गए इन होर्डिंग्स ने ईसाई पादरियों और धर्मांतरित ईसाइयों के प्रवेश पर रोक लगाई है, जिससे उनके धार्मिक स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25) और आवागमन के अधिकार (अनुच्छेद 19(1)(डी)) का उल्लंघन हुआ है।

आठ गांवों में लगाए गए थे होर्डिंग्स

न्यायालय को बताया गया कि कम से कम आठ ग्राम सभाओं कुडल, पारवी, जुनवानी, घोटा, घोटिया, हवेचुर, मुसुरपुट्टा और सुलंगी में ऐसे होर्डिंग लगाए गए थे। इन ग्राम सभाओं ने पंचायत विस्तार अनुसूचित क्षेत्र (पेसा) अधिनियम के तहत अपने सांस्कृतिक और पारंपरिक अधिकारों की रक्षा का हवाला दिया था।

हाईकोर्ट ने दी स्पष्टता

पीठ ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 25 हर नागरिक को धर्म मानने और प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है, लेकिन इसमें बल, प्रलोभन या धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन करने का अधिकार शामिल नहीं है। कोर्ट ने माना कि ग्राम सभाओं द्वारा लगाए गए होर्डिंग्स अवैध धर्मांतरण को रोकने और आदिवासी संस्कृति की रक्षा के उद्देश्य से हैं, इसलिए उन्हें असंवैधानिक नहीं कहा जा सकता।

‘चेतावनी स्वरूप’ हैं ये होर्डिंग्स

न्यायालय ने स्पष्ट किया कि ये होर्डिंग्स किसी समुदाय विशेष के खिलाफ भेदभाव नहीं करते, बल्कि केवल चेतावनी का कार्य करते हैं। यदि इन्हें संविधान द्वारा निर्धारित सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य जैसे प्रतिबंधों के दायरे में रखा गया है, तो इन्हें वैध माना जाएगा।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button