MOHAN BHAGWAT | मैंने कभी नहीं कहा कि मैं 75 साल की उम्र में रिटायर हो जाऊंगा : RSS प्रमुख भागवत

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने राजनेताओं और संघ कार्यकर्ताओं के रिटायरमेंट को लेकर उठ रहे सवालों पर स्पष्ट बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि उन्हें पद छोड़ना चाहिए या किसी और को पद छोड़ना चाहिए।
संघ में सेवा सर्वोपरि
भागवत ने कहा, “जिस दिन मुझसे कहा जाएगा, जाओ शाखा चलाओ, मैं चला जाऊंगा। संघ में हमें काम दिया जाता है, चाहे हम चाहें या न चाहें। अगर मैं 80 साल का भी हो जाऊं और शाखा संचालित करने के लिए कहा जाए, तो मुझे जाना ही पड़ेगा। हम वही करते हैं जो संघ कहता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि संघ में पद या उम्र को रिटायरमेंट का मामला नहीं माना जाता। सभी कार्यकर्ता को काम दिया जाता है और उसे निभाना पड़ता है।
भैयाजी दाणी का उदाहरण
भागवत ने भैयाजी दाणी का उदाहरण देते हुए बताया कि संघ में सेवा देने के लिए समय और समर्पण जरूरी है। भैयाजी दाणी लंबे समय तक संघ कार्यवाह रहे और घर-गृहस्थी ठीक होने के बावजूद संघ को पूरा समय देते रहे। भागवत ने कहा, “हम स्वयंसेवकों के मजदूर हैं।”
महाकुंभ में न जाने पर जवाब
महाकुंभ में न जाने को लेकर पूछे सवाल पर भागवत ने कहा कि जहां कहा जाता है, वहां जाते हैं। “महाकुंभ में मैंने डेट निकाली थी लेकिन वहां हमारे लोग थे। संघ ने हमें कहा और मन उस कार्य से वंचित रह गया। संघ कहेगा कि नर्क में जाओ तो मैं जाऊंगा।”
इस बयान से संघ प्रमुख ने सभी अटकलों और रिटायरमेंट को लेकर उठ रहे सवालों पर विराम लगा दिया है।



