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BOOKER PRIZE 2025 WINNER | डेविड स्जेले को मिला बुकर प्राइज, भारतीय मूल की किरण देसाई को पछाड़ा

 

लंदन, 11 नवंबर 2025। हंगरी-ब्रिटिश लेखक डेविड स्जेले (David Szalay) को उनके उपन्यास ‘Flesh’ (फ्लेश) के लिए बुकर प्राइज 2025 से सम्मानित किया गया है। स्जेले ने भारतीय मूल की प्रसिद्ध लेखिका किरण देसाई को कड़ी टक्कर देते हुए यह प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान अपने नाम किया।

सोमवार रात लंदन में आयोजित समारोह में 51 वर्षीय स्जेले को यह पुरस्कार और 50,000 पाउंड (करीब 66 हजार डॉलर) की राशि पिछले वर्ष की विजेता सामंथा हार्वे द्वारा प्रदान की गई।

स्जेले के उपन्यास की कहानी –

स्जेले का उपन्यास ‘Flesh’ एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो जीवन की अप्रत्याशित परिस्थितियों से जूझते हुए भावनात्मक रूप से बिखर जाता है। जूरी ने इस किताब की सराहना करते हुए कहा “सरल लेकिन प्रभावशाली भाषा में लिखा यह उपन्यास एक व्यक्ति के आंतरिक संसार का गहरा और संवेदनशील चित्रण करता है।”

किरण देसाई रही दूसरी बार बुकर जीतने से चूक –

किरण देसाई की किताब ‘The Loneliness of Sonia and Sunny’ इस बार दूसरे स्थान पर रही। जूरी ने उनके 667 पृष्ठों वाले उपन्यास को “प्रेम और परिवार, भारत और अमेरिका, परंपरा और आधुनिकता का महाकाव्य” बताया।

देसाई ने समारोह में कहा –

“मैंने इस किताब में वैश्विक एकाकीपन को एक अधूरी प्रेम कहानी के रूप में दिखाने की कोशिश की है। आज की दुनिया में प्रेम सीमाओं, वर्गों और धर्मों से परे फैलता जा रहा है।”

गौरतलब है कि किरण देसाई ने 2006 में ‘The Inheritance of Loss’ के लिए बुकर प्राइज जीता था। बुकर प्राइज के 56 साल के इतिहास में अब तक सिर्फ पांच लेखकों ने दो बार यह सम्मान प्राप्त किया है।

बुकर प्राइज का महत्व –

1969 में शुरू हुआ बुकर प्राइज विश्व साहित्य का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है। इस पुरस्कार ने सलमान रुश्दी, अरुंधति रॉय, मार्गरेट एटवुड, J.M. कोएत्जी और कई अन्य लेखकों की अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई।

 

 

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