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इस्लामिक और खालिस्तानी आतंकी संगठन हुए एक, देशभर के रक्षा ठिकाने निशाने पर

कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद सारे इस्लामिक आतंकी संगठन एक हो गए हैं। जम्मू कश्मीर सहित देश के अन्य हिस्सों में नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए इन्होंने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) से हाथ मिला लिया है। देशभर में इनके टारगेट पर आर्म्ड फोर्स और उनके ठिकाने हैं। गृह मंत्रालय ने देशभर में अलर्ट जारी करते हुए रक्षा ठिकानों पर विशेष एहतियात बरतने का आदेश दिया है।
वरिष्ठ अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय और यूपी पुलिस के एडीजी (कानून व्यवस्था) का अलर्ट पत्र मेरठ में सात अक्तूबर को आया है। पत्र की कॉपी एडीजी, आईजी, एसएसपी सहित इंटेलीजेंस और एलआईयू के पास आई है। मेरठ जोन में यह अलर्ट और भी महत्वपूर्ण इसलिए हो जाता है, क्योंकि यहां पहले से केएलएफ सक्रिय है।
अलर्ट मैसेज में जानकारी दी गई है कि जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, इंडियन मुजाहिद्दीन, अलकायदा, हक्कानी नेटवर्क, हरकत-उल-मुजाहिद्दीन, हरकत-उल-अंसार समेत ज्यादातर इस्लामिक आतंकी संगठन एक हो गए हैं। भारत में आतंक फैलाने के लिए इन संगठनों ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स को भी अपने साथ जोड़ लिया है। इसमें यह भी कहा गया है कि आतंकी संगठनों के निशाने पर खासकर देश की सुरक्षा में तैनात जवानों सहित सभी आर्म्ड फोर्स और उनसे जुड़े रक्षा ठिकाने हैं।
पिछले सप्ताह जैश और लश्कर के एक होने की खबरें आई थीं। अब ताजा इनपुट में सभी इस्लामिक आतंकी संगठनों और केएलएफ के एक होने की बात सामने आई है। इसके बाद सुरक्षा-खुफिया एजेंसियां और ज्यादा चौकन्नी हो गई हैं। खालिस्तान लिबरेशन फोर्स पंजाब और उत्तर प्रदेश में पहले से सक्रिय है। वेस्ट यूपी में इसकी सक्रियता मेरठ, सहारनपुर और शामली में है। यहां से पूर्व में कई हथियार तस्कर एनआईए और यूपी एटीएस ने पकड़े हैं जो केएलएफ को हथियार सप्लाई करते थे।
वेस्ट यूपी में ये महत्वपूर्ण स्थान
हिंडन एयरबेस गाजियाबाद, वायुसेना स्टेशन सरसावा, एनएसजी कमांडो ट्रेनिंग सेंटर सरसावा, मेरठ आर्मी छावनी, बाबूगढ़ छावनी, त्रिशूल एयरबेस बरेली, तेल रिफाइनरी मथुरा, परमाणु पावर प्लांट नरौरा, मथुरा आर्मी कैंट, आगरा कैंट

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