रायपुर। देशभर के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की चयन प्रक्रिया में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। चर्चा विश्वविद्यालयों में पदस्थ वर्तमान कुलपतियों तक पहुंच गई है। बताया जाता है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) चयन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में हैं।
इसके मुताबिक अब संभावित उम्मीदवारों को पहले से ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वे बेहतर प्रदर्शन कर सकें। बिना ट्रेनिंग के प्रक्रिया में आगे नहीं बढ़ पाएंगे। चयन के बाद देश-विदेश में अलग से एक माह की ट्रेनिंग होगी।
यूजीसी के चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह ने पिछले दिनों उच्च शिक्षा में बड़े बदलाव के संकेत दिए थे। बताया जाता है कि कुलपति नियुक्त करने से पहले छात्रों व टीचर्स से उनके व्यवहार, रिसर्च व बुक्स पर पूरा जोर, कैंपस में स्वच्छ वातावरण, मीडिया व सामाजिक क्षेत्र में कदम , हाइटेक एजुकेशन व कनेक्टिविटी, पारदर्शिता और बेस्ट मैनेजमेंट आदि को देखा-परखा जाएगा।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर, पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलपति का कार्यकाल वर्ष 2020 में पूरा हो रहा है।
तीनों विश्वविद्यालय में नए कुलपति की नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया आरंभ होगी। इस बार जो कुलपति आएंगे वे पूरी तरह से ट्रेंड होंगे। इन्हें केंद्र सरकार स्पेशल ट्रेनिंग देकर यहां भेजेंगे ताकि वे विश्वविद्यालय को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकें। गौरतलब है कि केंद्रीय विवि में नियुक्ति एमएचआरडी व राष्ट्रपति के माध्यम से होती है। राज्य विश्वविद्यालय में राज्यपाल नियुक्ति करते हैं।
यहां के कुलपतियों में भी चर्चा
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जीडी शर्मा ने बताया कि आयोग क्रांतिकारी परिवर्तन करने की दिशा में है। क्वालिटी एजुकेशन पर पूरा फोकस है। नई शिक्षा नीति पर लगभग काम पूरा हो चुका है।
गौरतलब है कि प्रो. शर्मा यूजीसी व नैक की कई कमेटी में सदस्य भी हैं। कुलपति नियुक्ति को लेकर उनका कहना है कि आयोग ने अभी कोई गाइड लाइन जारी नहीं की है। लेकिन बदलाव की तैयारी है। इसमें पाठ्यक्रम और ट्रेनिंग शामिल है। बदलावों के तहत अब किसी भी कुलपति के चयन के बाद उनका देश-विदेश में एक माह का प्रशिक्षण होगा।
संभावित दावेदारों को भी यूजीसी की ओर से पहले ही प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे बेहतर साबित हो सकें। किसी भी विश्वविद्यालय या कॉलेज में जो भी शिक्षक नियुक्त होंगे, उन्हें न केवल विषय आधारित बल्कि एक आदर्श शिक्षक के तौर पर यूजीसी की ओर से प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शोध को बढ़ावा देने के लिए सरकार और यूजीसी प्रतिबद्ध है।