रायपुर। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप ईव्हीएम/व्हीव्हीपेट में मतदान की शत-प्रतिशत गोपनीयता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने मतदाताओं को विश्वास दिलाया है कि उनका वोट पूरी तरह गोपनीय रहेगा। उन्होंने कहा है कि एक राजनीतिक पार्टी विशेष द्वारा मतदान केन्द्रों में अपने पोलिंग एजेंटों के माध्यम से हर 16 सेकेण्ड में व्हीव्हीपेट पर्ची देखकर हार जीत का आंकलन किए जाने के बारे में प्रचारित जानकारी पूरी तरह भ्रामक और निराधार है।
साहू ने बताया कि मतदान प्रक्रिया के संबंध में निर्वाचन संचालन नियम 1961 प्रचलन में है, जिसके नियम 49 (एल) के तहत मत रिकार्ड करने की अनुमति दी गई है, लेकिन नियम-49 (एम) के तहत मतदान करने वाले व्यक्ति के लिए यह बाध्यकारी है कि अपने मत की गोपनीयता को बनाए रखेगा। मतदान के दौरान मत डालने के लिए वैलेटिंग यूनिट और व्हीव्हीपेट को वोटिंग कम्पार्टमेंट में रखा जाएगा। मतदाता को उस कम्पार्टमेंट में उपस्थित होकर मत डालना होगा। इस व्यवस्था का प्रबंधन इस रीति से किया जाएगा कि व्हीव्हीपेट में मतदाता के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति को मतदाता द्वारा डाला गया मत दिखायी नहीं देगा। व्हीव्हीपेट में सात सेकेण्ड तक मतदाता को अपने द्वारा डाले गए वोट के प्रत्याशी का क्रमांक, नाम और प्रतीक चिन्ह दिखायी देगा। उसके बाद यह मतदाता पर्ची स्वयं कटकर व्हीव्हीपेट के ड्राॅप बाक्स में गिर जाएगी।
उन्होंने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 128 के तहत मतदान करने वाले व्यक्ति और नेत्रहीन/शिथिलांग व्यक्ति को मतदान करने के लिए सहायक सहित मतदान अभिकर्ताओं के लिए मतदान की गोपनीयता बनाए रखना अनिवार्य है। इसके उल्लंघन पर तीन महीने की सजा का प्रावधान किया गया है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा ईव्हीएम/व्हीव्हीपेट का उपयोग करने के लिए मतदान की प्रक्रिया इस प्रकार निश्चित की गई है कि प्रत्येक मतदाता के मतदान की गोपनीयता बनी रहे। इसके लिए मतदान केन्द्रों में मोबाइल फोन सहित अन्य सभी इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों को प्रतिबंधित किया गया है। वेबकास्टिंग जिन मतदान केन्द्रों में किया जाएगा, वहां भी वेबकैमरों को इस प्रकार स्थापित किया जाएगा कि मतदान की गोपनीयता बनी रहेगी। इसके अलावा प्रत्येक मतदान केन्द्र में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों को भी लगातार निगरानी के लिए लगाया गया है।