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घोषणा पत्रः छग-मप्र से मिला सबक, भाजपा ने राजस्थान में की किसानों के लिए नई बात

विश्लेषणन सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि अविभाजित मध्यप्रदेश की बात करें तो पहली बार हुआ है कि विधानसभा चुनाव का घोषणा पत्र इस कदर सुर्खियों में रहा। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में कांग्रेस व्दारा लाए गए घोषणा पत्र की जनमानस के बीच लगातार जो चर्चा रही उसे देखते हुए राजस्थान में भाजपा ने काफी ठोंक बजाकर अपना घोषणा पत्र जारी किया। विशेषकर कांग्रेस की तरफ से छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में किसानों की कर्ज माफी एवं बिजली बिल हाफ जैसी घोषणाओं की चर्चा गांव-गांव होते देखी। छ्तीसगढ़ में कांग्रेस ने पूर्ण शराब बंदी की बात जहां मतदाताओं के समक्ष रखी, वहीं मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा कि ड्रग्स मुक्त राज्य बनाएंगे।
अक्टूबर महीने में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जब राजधानी रायपुर में किसान सम्मेलन में हिस्सा लेने आए थे तभी उन्होंने मंच से ऐलान कर दिया था- यदि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनती है तो दस दिनों के भीतर कर्जा माफ कर दिया जाएगा। यह इस बात का संकेत था कि कृषि व किसान इस बार कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा होने जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का जो घोषणा पत्र सामने आया उसमें पहला बिन्दू यही था सरकार बनने के दस दिनों के भीतर कर्जा माफ। कांग्रेस का किसानों के लिए यह भी वादा सामने आया कि किसानों के दो वर्ष के धान का बकाया बोनस का भुगतान किश्तों में किया जाएगा। इसके अलावा कांग्रेस ने धान, मक्का, सोयाबीन, गन्ना एवं चने की खरीदी की न्यूनतम दर क्या होगी इसका तक उल्लेख घोषणा पत्र में किया। छत्तीसगढ़ के कांग्रेस घोषणा पत्र के चौदहवें बिन्दू में कहा गया कि कांग्रेस सरकार व्दारा राज्य में शराब बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। बस्तर एवं सरगुजा जैसे अनुसूचित क्षेत्र में ग्राम सभा को शराबबंदी का अधिकार होगा। वहीं मध्यप्रदेश में कांग्रेस के घोषणा पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया कि किसानों का दो लाख तक का कर्जा माफ होगा। किसानों का बिजली बिल आधा होगा। मध्यप्रदेश को ड्रग्स मुक्त राज्य बनाएंगे। छत्तीसगढ़ जहां से कांग्रेस के घोषणा पत्र की जमकर हवा बनी ऐसा नहीं कि वहां भाजपा के घोषणा पत्र में कृषि व किसान से संबंधित बातें नहीं थीं। अंतर इतना ही रहा कि भाजपा के घोषणा पत्र में किसानों को तात्कालिक लाभ मिलने जैसा कोई वादा नहीं था। भाजपा के घोषणा पत्र में शुरुआती बिन्दू में यही दर्शाया गया कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लघु एवं सीमांत किसानों तथा भूमिहीन कृषि मजदूरों को 1000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाएगी। अगले 5 वर्षों में किसानों को दो लाख नये पम्प कनेक्शन दिए जाएंगे। छोटे बांधों का निर्माण व स्टाम डेम गहरीकरण कर सिंचित क्षेत्र का रकबा 50 प्रतिशत तक बढ़ाएंगे। दलहन व तिलहन किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे जाएंगे। लघु वनोपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़कर डेढ़ गुना तक होगा। छत्तीसगढ़ को जैविक खेती के प्रदेश के रूप में विकसित करने तेजी से प्रयास करेंगे। राजनीतिक हल्कों में लगातार इस बात की चर्चा रही है कि छत्तीसगढ़ की तरह मध्यप्रदेश में भी भाजपा की तूलना में कांग्रेस के घोषणा पत्र का वजन ज्यादा नजर आया। अब राजस्थान की बारी थी। छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश में घोषणा पत्र के वादों की लहर जो जनता के बीच चली उसे ध्यान में रखते हुए भाजपा ने राजस्थान में काफी सतर्कता बरती। वहां काफी होमवर्क के बाद दो दिन पहले भाजपा ने अपना घोषणा पत्र जारी किया। राजस्थान की राजधानी जयपुर में जारी किए गए घोषणा पत्र को भाजपा ने गौरव संकल्प 2018 का नाम दिया। राजस्थान में भाजपा ने घोषणा पत्र में किसानों से वायदा किया है कि उनकी आय दुगनी करेंगे। गांवों के लिए 250 करोड़ का स्टार्ट अप फंड होगा। किसानों को फसलों की लागत का डेढ़ गुना भाव दिलाने की पहल होगी। इसके अलावा बेरोजगारों को हर महीने 5 हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देने तथा 50 लाख नौकरियां देने का भी वादा भाजपा राजस्थान में किया है।

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